मप्र में टिड्डियों से निपट रहा फायर ब्रिगेड

  • Follow Newsd Hindi On  

संदीप पौराणिक

भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। आम तौर पर फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में उपयोग होते हुए देखा जाता है, मगर इन दिनों मध्यप्रदेश में टिड्डी दल के खिलाफ जारी लड़ाई में फायर ब्रिगेड मुस्तैदी से मोर्चा संभाले हुए है।


राज्य के निमांड अंचल से टिड्डी दल ने राजस्थान से प्रवेश किया और वह कई जिलों तक पहुंच चुका है। इन दलों ने राज्य के लगभग 25 जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है और उसके हमले जारी हैं। इससे निपटने की कोशिशें जहां प्रशासनिक स्तर पर चल रही हैं तो दूसरी ओर किसान रातों में जागकर टिड्डी दल को खदेड़ने में लगे हुए हैं। वे तरह-तरह के वाद्य यंत्रों का सहारा ले रहे हैं तो वहीं फायर ब्रिगेड टिड्डियों के झुंड पर कीटनाशक की बौछार कर रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टिड्डी दल के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर कहा है कि प्रशासनिक अमला सक्रिय है, किसान सजग और सतर्क हैं। टिड्डी दल को भगाने के लिए जो कार्य किए जा सकते हैं, जैसे धुआं करना, बिना साइलेंसर के टैक्टर चलाना, आवाज करना, शोर मचाना, स्प्रे करके मारना, क्योंकि उसके मारने का भी वह समय होता है, जब टिड्डियां फसल पर बैठती हैं। जितने प्रयास हो सकते हैं, वह किए जा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में टिड्डियों को मार गिराया गया है। यही वजह है कि फसल को बड़ा नुकसान हीं हो पाया है।

राज्य में टिड्डी दल के खात्मे के लिए बड़े संख्या में फायर ब्रिगेड और ट्रैक्टर चालित स्प्रेपंप के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है।


किसान कल्याण और कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, सतना जिले के अमरपाटन विकासखंड के ग्राम दतुआ एवं बछरा में टिड्डी दल के रात्रि ठहराव स्थल पर पांच फायर ब्रिगेड द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। इसी तरह मुरैना के कैलारस विकासखंड के ग्राम निरारा में कीटनाशक के छिड़काव में चार ट्रैक्टर चलित स्प्रेपंप की मदद ली गई।

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डी दल का असर बना हुआ है। रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखंड के मंजूस ग्राम में भी छह ट्रैक्टर चलित स्प्रेपंपों एवं एक फायर बिग्रेड द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। छतरपुर जिले के ग्राम पनोटा और सलैया में टिड्डी दल के खात्मे के लिए तीन फायर बिग्रेड द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। राज्य के अन्य हिस्सों में भी फायर बिग्रेड से कीटनाशक का छिड़काव जारी है।

कृषि विभाग के संचालक संजीव सिंह ने राजस्थान के समस्त सीमावर्ती जिलों के कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सतत निगरानी रखें एवं टिड्डी दलों के प्रवेश होते ही सूचना साझा करें, साथ ही उन

जिलों में, जहां पर टिड्डी दलों के रात्रि ठहराव की सूचना प्राप्त होती है, वहां कार्रवाई करें।

कृषि विषेषज्ञों का कहना है कि टिड्डी दल का आगमन शाम को लगभग छह बजे से आठ बजे के बीच होता है तथा सुबह साढ़े सात बजे तक दूसरे स्थान पर प्रस्थान करने लगता है। ऐसी स्थिति में टिड्डी का प्रकोप होने पर तत्काल बचाव के लिए उसी रात में सुबह तीन बजे से लेकर सुबह साढ़े सात बजे तक रासायनिक दवाओं का उपयोग कर टिड्डी दल पर नियंत्रण किया जा सकता है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)