जयपुर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान के करौली जिले में मंदिर के पुजारी की हत्या के मामले में 24 घंटे से ज्यादा समय तक विरोध करने के बाद शनिवार की शाम पुजारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अशोक गहलोत सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा के बाद पुजारी का अंतिम संस्कार किया गया।
वहीं आरोपियों की मदद करने वाले दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
पुजारी बाबूलाल वैष्णव को उस समय जिंदा जला दिया गया था, जब वे गुरुवार को भू-माफियाओं द्वारा मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने से रोक रहे थे। वे करौली जिले के बुकना गांव के राधा गोपाल जी मंदिर में पुजारी थे।
कथित तौर पर लगभग 6 लोगों ने मंदिर के पुजारी पर पेट्रोल डालकर जला दिया था। इसके बाद पुजारी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और फिर से वहां से जयपुर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई।
शुक्रवार को कई ब्राह्मण संगठनों ने अस्पताल के सामने प्रदर्शन कर स्थानीय पुलिस थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने और मामले को दूसरे सर्कल कार्यालय में स्थानांतरित करने की मांग की। साथ ही पुजारी के परिवार को आर्थिक मदद देने और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
एक ब्राम्हण नेता सुरेश मिश्रा ने कहा, “पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने जब उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर परिवार ने उनका शव लिया।'”
बाद में ग्रामीणों ने धमकी दी कि जब तक परिवार की मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। तब इस घटना का संज्ञान लेते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात की।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस पूरी जांच कर रही है और आरोपियों को नहीं बख्शा जाएगा।
इसी बीच शनिवार को भाजपा ने अलका गुर्जर, सांसद रामचरण बोहरा और भाजयुमो के पूर्व नेता जितेंद्र मीणा की तीन सदस्यीय टीम को जांच के लिए गांव भेजा था।
–आईएएनएस
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