नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)| बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक बालिका आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले के 11 दोषियों को यहां की एक अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर और पांच अन्य को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई है।
ठाकुर पर 32 लाख 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। वह मुजफ्फरपुर में एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का मालिक है।
ठाकुर की तरफ से पेश वकील निशांक मट्ट ने कहा, “हम फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे।”
अदालत ने 20 जनवरी को कुल 19 आरोपियों को मामले में दोषी ठहराया था।
बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ठाकुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(दुष्कर्म), 376 डी(सामूहिक दुष्कर्म), 323(जानबूझकर चोट पहुंचाना), 120बी(आपराधिक साजिश) और 109(उकसाने) के मामले में दोषी ठहराया गया है।
उसे पोक्सो अधिनियम की धारा 16 और 17 के तहत और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत भी दोषी ठहराया गया था।
यह मामला आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं से जुड़ा हुआ था, जिसे टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(टीआईएसएस) के छात्रों ने उजागर किया था।
मामले में ठाकुर मुख्य आरोपी था।