मेरठ, 7 नवंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस रही है।
राज्य सरकार ने एक फरार पुलिस निरीक्षक और उसकी टीम पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा, जिसके कुछ देर बाद ही लक्ष्मी सिंह चौहान ने मेरठ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। एक छापेमारी के दौरान बरामद की गई राशि से 70.2 लाख रुपये के गबन का आरोप लगने के बाद चौहान अपनी टीम के साथ फरार चल रही थी। चौहान के साथ ही उनकी टीम में शामिल छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
बैंक एटीएमों पर रुपये भरने का काम देख रही सीएमएस इन्फो-सिस्टम कंपनी पर छापा मारने के बाद अक्टूबर में चौहान को निलंबित कर दिया गया था।
छापेमारी के दौरान बरामद किए गए कुल रुपये में से चौहान और उसकी टीम ने कथित तौर पर 70.2 लाख रुपये ले लिए थे। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि चौहान दूसरी कार में रुपयों से भरा बैग रख रही हैं। पुलिस निरीक्षक को उसकी टीम के साथ निलंबित कर दिया गया था लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वह फरार हो गए।
लक्ष्मी सिंह चौहान ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन उसे अदालत ने खारिज करते हुए आरोपियों की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दे दिए।