मुक्केबाजी : निकहत, मीना, अमित ने स्ट्रांजा मेमोरियल चैम्पियनशिप में जीते स्वर्ण

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)| एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल के अलावा महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और मेइसनाम मीना कुमारी ने बुल्गारिया के सोफिया में 70वें स्ट्रांजा मेमोरियल मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। इन तीनों मुक्केबाजों ने अपने स्वर्ण पदक 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों को समर्पित किए हैं।

भारतीय मुक्केबाजों ने इस टूर्नामेंट में कुल सात पदक अपने नाम किए हैं जिनमें तीन स्वर्ण, एक रजत, और तीन कांस्य पदक शामिल हैं।


भारत ने बीते साल यूरोप के इस सबसे पुराने एमेच्योर मुक्केबाजी टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। भारत ने पिछले साल इस टूर्नामेंट में कुल 11 पदक अपने नाम किए थे जिनमें से दो स्वर्ण पदक थे और छह पदक महिलाओं ने जीते थे। इस साल भी भारतीय महिलाएं छह पदक जीतने में सफल रही हैं।

एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमित पंघल (49 किलोग्राम भारवर्ग) इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी हैं। महिलाओं में पूर्व वर्ल्ड जूनियर चैम्पियन निकहत जरीन (51 किलोग्राम) और मेइसनाम मीना कुमारी देवी (54 किलोग्राम) ने अपने-अपने मुकाबले जीत स्वर्ण पदक हासिल किया। पदार्पण करने वाली मंजू रानी को 48 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

अमित मुकाबले के शुरू से ही अपने विपक्षी कजाकिस्तान के टेमिराट्स झुसुपोव पर हावी रहे। उन्हें मुकाबला 5-0 से अपने नाम करने में किसी तरह की परेशानी नहीं आई। अमित का यह इस टूर्नामेंट में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है।


22 साल की निकहत जरीन ने फाइनल मुकाबले में फिलिपींस की मैग्नो आयरिश को मात दी। निकहत ने एकतरफा जीत हासिल की। दो बार की राष्ट्रीय विजेता ने कभी भी अपनी विपक्षी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और 5-0 से जीत हासिल की।

नागालैंड की मीना कुमारी ने भारत को दूसरा स्वर्ण दिलाया। हालांकि मीना को स्वर्ण के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने फिलिपींस की एइरा विलेजेस को 54 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कड़े मुकाबले में 3-2 से पटखनी दी।

इन तीनों मुक्केबाजों ने अपने स्वर्ण पदक बीती 14 फरवरी को पुलवामा में आंतकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को समर्पित किए हैं।

भारत को हालांकि 48 किलोग्राम भारवर्ग में निराशा हाथ लगी क्योंकि पूर्व विश्व चैम्पियन फिलिपींस की जोसी गबुको ने भारत की मंजू रानी को 4-0 से परास्त कर उन्हें रजत पदक तक ही रोक दिया। गाबुको का अनुभव युवा मंजू के लिए भारी पड़ा।

मंजू को 4-1 से हार मिली थी लेकिन रैफरी द्वारा बाउट खत्म होने के बाद भी पंच मारने के कारण उन्हें चेतावनी मिली और वह एक अंक गंवा बैठीं।

साल के पहले यूरोपियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं द्वारा किया गया यह प्रदर्शन शानदार है। इससे पहले भारतीय महिलाओं ने तीन कांस्य पदक भी हासिल किए। भारत की नीरज (60 किलोग्राम भारवर्ग), लवलिना बोरगोहेन (69 किलोग्राम भारवर्ग) और पवलियाओ बासुमात्री (64 किलोग्राम भारवर्ग) को सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। इस तरह भारतीय महिलाओं ने इस टूर्नामेंट में कुल छह पदक अपने नाम किए।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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