युवक ने कायम की इंसानियत की मिसाल, रोजा तोड़ने के बाद 50 KM दूर जाकर दिया खून और बचाई बच्चे की जान

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युवक ने कायम की इंसानियत की मिसाल, रोजा तोड़ने के बाद 50 KM दूर जाकर दिया खून और बचाई बच्चे की जान

देश में कोरोना वायरस और अन्य मुद्दों को लेकर जहां पूरे देश में धर्म को लेकर जंग छिड़ी है वहीं झारखंड के हजारीबाग जिले से मानवता का पाठ पढ़ाने और धर्म से बढ़कर इंसानियत की मिसाल कायम करने की खबर सामने आई है। यहां एक सलीम नाम के मुस्लिम युवक ने जरूरत पड़ने पर अपना रोजा तोड़कर 8 साल के निमोनिया से पीड़ित बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई है।

दरअसल, बगोदर इलाके के एक में गांव में सलीम और निखिल साथ ही रहते हैं। इस बात की जानकारी जब सलीम को पता चली की उसके मोहल्ले में रहने वाले निखिल को खून की जरूरत है तो वह लॉकडाउन में ही 50 किमी दूर हजीराबाग पहुंचा।


निखिल के भाई ने बताया एक सप्ताह पहले भी छोटे भाई को खून की जरूरत हुई थी, उस समय ब्लड बैंक में ए पोजिटिव खून उपलब्ध था। जिसके कारण उस समय उसने खुद रक्तदान किया था। लेकिन शुक्रवार को डॉक्टरों ने फिर निखिल को खून चढ़ाने की जरूरत बता दी और ब्लड बैंक में ए पोजिटिव खून उपलब्ध नहीं था। उसने अपने किसान पिता भिखारी महतो के जरिए गांव में यह संदेश भिजवाया। सभी परिजन तीन दिन से परेशान थे, कहीं खून मिल नहीं पा रहा था।

इस खबर के बारे में गांव के सलीम अंसारी को पता चला तो उसने बताया कि उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है। वह खून देने के लिए तैयार है। सलीम गांव के दो अन्य युवकों को साथ लेकर गाड़ी से हजारीबाग के लिए निकल पड़ा। लॉकडाउन के कारण रास्ते में दो-तीन जगह उसे पुलिस ने रोका। युवक ने बच्चे को खून देने जाने की बात कहकर वह उन चेकपॉइट्स से किसी तरह निकल पाया और बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई।


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