पटना, 10 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार में सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने मंगलवार को लोकसभा में भले ही नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया हो लेकिन अब इसे लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं।
पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और जद (यू) के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने इस विधेयक के पार्टी के समर्थन किए जाने का विरोध करते हुए पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया है।
वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
पार्टी के नेता पवन वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, “मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन पर दोबारा विचार करें। यह विधेयक पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है। यह विधेयक जद (यू) के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगर आज गांधी जी होते तो इसका विरोध करते।”
इससे पहले प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “नागरिकता संशोधन विधेयक पर जद (यू) के समर्थन से निराशा हुई है। यह विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला है, जो भेदभाव पूर्ण है।”
प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके। उन्होंने पार्टी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “जद (यू) के द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन पार्टी के संविधान के से भी अलग है, जिसमें पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है।”
किशोर ने सीधे पार्टी के नेतृत्वकर्ता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट कर आगे लिखा, “नागरिकता संशोधन विधेयक पर पार्टी का समर्थन पार्टी के नेतृत्व के विचारधारा से मेल नहीं खाता है, जो कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है।”
गौरतलब है कि बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चला रही जद (यू) ने मंगलवार को लोकसभा में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया।