Madhya Pradesh: एमपी में बाढ़ का तांडव, रेस्क्यू के लिए बुलाई गई सेना और NDRF टीम

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Assam flood situation worsens 3.18 lakh people affected

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारी बारिश की वजह से होशंगाबाद और सीहोर जिले के हालात बिगड़ गए हैं। नर्मदा नदी (Narmada River) के बढ़ते जलस्तर की वजह से किनारे पर बसे गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने सेना और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम भी बुलाई हैं।

इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा करेंगे। इस समय सीएम स्टेट हेंगर पहुंच गए हैं, अब से कुछ ही देर बाद वे उड़ान भरेंगे। नर्मदा का रौद्र रूप देखकर याद आई 1973 की भीषण बाढ़, आज ही दिन पानी-पानी हुआ था पूरा शहर। शनिवार सुबह 9 बजे तक नर्मदा का जलस्तर 973 फीट तक पहुंच गया है।


इस समय नर्मदा खतरे के निशान से 6 फीट ऊपर बह रही है। होशंगाबाद के काले महादेव मंदिर तक नर्मदा नदी का पानी पहुंच गया है। यह मंदिर सेठानी घाट से ऊपर स्थित है, उधर पुलिस ने सेठानी घाट जाने पर रोक लगा दी है। बंगाल की खाड़ी में बने मानसूनी दवाब की वजह से एमपी के कई हिस्सों में बारिश हो रही है।

होशंगाबाद और सिहोर जिले में आज सुबह से बारिश के कारण नदियां और नाले पूरी तरह जलमग्नन गए हैं। इसके साथ ही बारिश का पानी कई गांवों में भर गया है। लोगों का रेस्क्यू करने के लिए प्रशासन की तरफ से सेना भी बुलाई गई है।डैम के पानी को कम किया जा सके इसके, लिए सभी बांध खोल दिए गए हैं।

29 अगस्त 1973 में भी बारिश के कारण तीनों डैम के गेट खोल दिए जाने से बाढ़ आई थी, अब 47 साल बाद फिर आज के दिन 2020 में भी वहीं पुराने हालात बन रहे हैं। जिसमें सराफा चौक के पास तक नर्मदा का पानी पहुंच गया था। तटीय बस्तियां भी जलमग्न हो गईं थी। बीटीआई, एसपीएम पुलिया, महिमा नगर, ग्वालटोली रोड, धानाबड़, बांद्राभान में बैक वाटर भरा रहा है।


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