कोरोना वायरस के खतरनाक संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन के लिए अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन आज सात-आठ महीने बाद भी कोरोना की वैक्सीन तैयार नहीं हुई है। ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे बड़ा हथियार है। इसके लिए कई तरीके अमल में लाए जा रहे हैं। इस बीच में अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने एक खास तरह का थ्री-डी प्रिंटेड नेकलेस तैयार किया है जो किसी के संपर्क में आने पर आपको अलर्ट करता है। इसके अलावा यह नेकलेस हाथों को चेहरे के पास आने पर वाइब्रेट होता है। नासा ने इसका नाम पल्स दिया है।
नेकलेस की खूबी यह है कि इसके 12 इंच के दायरे में कोई मूवमेंट करने वाली चीज आने पर यह वाइब्रेट होता है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथों से मुंह, आंख और नाक को न छूने सलाह दी जा रही है ताकि वायरस शरीर में न पहुंच सके। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह नेकलेस तैयार किया है।
सिक्के के आकार की डिवाइस करती है अलर्ट
नेकलेस में सिक्के के आकार की डिवाइस लगी है जो गर्दन के करीब रहती है। इसमें इंफ्रारेड सेंसर लगे हैं तो 12 इंच के दायर में मूवमेंट पर नजर रखते हैं। इस डिवाइस में 3 वोल्ट की बैट्री लगी है। सेंसर को जैसे ही मूवमेंट का पता चलता है, इसमें लगी मोटर बाइब्रेशन पैदा करती है।
बदल सकेंगे एलईडी का रंग
लैब के मुताबिक, इस डिवाइस को 3डी प्रिंटर से तैयार किया गया है। सेंसर एक एलईडी लगा है जो वाइब्रेट होने पर जलता है। डिवाइस में अपने मन-मुताबिक कलर एलईडी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कम कीमत में उपलब्ध होगा
नेकलेस तैयार करने वाली नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के मुताबिक, जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं मिल जाती तब तक ‘पल्स’ को रोजमर्रा की ज़िंदगी में शामिल किया जा सकता है क्योंकि हमें इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा। यह काफी कम कीमत में तैयार किया गया है, जिसे लोग आसानी अफोर्ड कर सकेंगे और पहनने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। पल्स कोरोना संक्रमण से बचाकर आपको स्वस्थ रखेगा।
मास्क का विकल्प नहीं
हालाँकि, नासा के लैब की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह नेकलेस मास्क का विकल्प नहीं है। इसके लगाने के साथ कोरोना से बचाव की सभी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। इसे टेक्नीशियन भी तैयार कर सकते हैं। इसे तैयार करने से जुड़ी हर जानकारी भी लैब ने जारी की है। लैब का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं लोग इसे विकसित करेंगे ताकि यह आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सके।