National Dengue Day 2020: हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जाता है। डेंगू के बारे में जागरूकता फैलाने और संचारण का मौसम शुरू होने से पहले देश में रोग नियंत्रण के लिए निवारक उपायों और उसकी तैयारी को तेज करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रतिवर्ष 16 मई को नेशनल डेंगू डे मनाने का फैसला किया।
डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू वायरस फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि साल 2015 से 2019 तक भारत में डेंगू के 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बारिश के मौसम में यह और जानलेवा हो जाता है। जानकारी के अभाव के कारण हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते है। डेंगू पूरे देश में दूर तक फैला हुआ है। गत सालों में तमिलनाडु के बाद केरल, कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों से डेंगू के अधिकतम मामलों की सूचना मिली थी।
देश को डेंगू मुक्त करने का लक्ष्य हमारे सामने है। ऐसा तभी संभव है जब डेंगू के विषय में सही जानकारी हो और मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। इसके अलावा समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और इलाज के बारे में जरूरी है। तो आइये जानते हैं कि डेंगू के लक्षण क्या है और कौन-से लक्षण खतरे के संकेत हैं…
डेंगू में अचानक तेज़ बुख़ार के साथ बुख़ार की शुरुआत, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द और चकत्ते हो जाते है। डेंगू हेमोरेजिक बुख़ार में तीव्र बुख़ार की शुरुआत होती है, जिसके बाद पेट दर्द, उल्टी, रक्तस्राव होता है। मामलों का छोटा सा हिस्सा घातक रोग जैसे कि डेंगू शॉक सिंड्रोम (डेंगू आघात सिंड्रोम) दिखा सकता है।
डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है। कई बार इस बुखार को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज करते हैं या गलत इलाज कराते रहते हैं। 3-4 दिन में ही डेंगू के वायरस खतरनाक हो जाते हैं और खतरा बढ़ जाता है। डेंगू आघात सिंड्रोम जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं जिससे फेफड़े, जिगर या दिल को नुकसान पहुंच सकता है।
डेंगू के लक्षण (Symptoms of Dengue) :
- डेंगू वायरल रोग है, जो संक्रमित एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है।
- तेज़ बुख़ार, शरीर में दर्द डेंगू का लक्षण
- रक्तचाप का कम होना डेंगू का गंभीर लक्षण
- बेहोशी डेंगू का गंभीर लक्षण है
डेंगू के गंभीर लक्षण
- चक्कर आना
- बार-बार उल्टी
- बेसुध होना या गफ़लत में जाना
- बेहोशी
- पेशाब कम आना
- रक्तचाप का अचानक कम हो जाना
- प्लेटलेट कम होना
- सांस लेने में तकलीफ
डेंगू होने पर कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी
> खुद से इलाज बिलकुल न करें।
> विशेषज्ञ की सलाह अनुसार ही दवाई लें।
> डेंगू मरीज में रक्तस्राव की संभावना अधिक होती है।
> कुछ दवाओं के लेने से शरीर में आतंरिक रक्तस्राव का ख़तरा बढ़ जाता है।
> बुखार हो तो पैरासिटामॉल की गोली लें।
> एस्प्रिन, ब्रूफेन या वोवेरॉन दवा न लें।
> तेज़ बुख़ार होने पर पानी की पट्टी रखें।
> शरीर में पानी की कमी न होने दें।
> पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें।
> अधिकतर मामलों में प्लेटलेट चढ़वाना जरुरी नहीं।
ऐसे करें डेंगू से बचाव (Prevention from Dengue) :
* शरीर में पानी की कमी न होने दें
* पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें
* साफ़ पीने के पानी में नमक, चीनी व नींबू मिलाकर पिएं
* नारियल पानी, नींबू पानी पिएं
* छाछ, ताज़े फलों का रस, सूप पिएं
* शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी न होने दें
* पानी में जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) मिलाकर पिएं
* तेज़ बुख़ार होने पर पानी की पट्टी रखें
* सामान्य तापमान वाला पानी इस्तेमाल करें
* बुखार हो तो पैरासिटामॉल की गोली लें
* आराम करें और मच्छरदानी में सोएं
डेंगू से बचने के घरेलू उपाय (Home Remedies For Dengue Treatment)
डेंगू के सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन व्यक्ति में ख़तरे के लक्षणों को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। डॉक्टर्स के अनुसार आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते है। किसी भी इंफेक्शन से बचने के लिए हमें बॉडी की प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने की जरूरत है और यह खाने में विटामिन सी की मात्रा लेने से ही संभव है। डेंगू से बचाव के लिए अधिक से अधिक मात्रा में ताज़ी पकी हरी सब्जियां, ताज़ा और सफाई से बना नींबू पानी, आंवला और भारतीय गूज़बेरी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए कमाल कर सकती हैं।
मच्छरों को दूर रखने के लिए आप घर में कपूर जला सकते हैं और पूरी बॉडी पर नीम का तेल लगाकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा खिड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगाएं, जिससे मच्छर अंदर न आ सकें। पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढंक कर रखें। साथ ही कूलर का पानी हर दिन बदलते रहें और घर के किसी कोने और गमले आदि में पानी जमने नहीं दें।
पपीते का जूस हो सकता है फायदेमंद
डेंगू एक तरह का इंफेक्शन है। जिसमें अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स काउंट गिर जाता है। इससे निजात पाने में आपकी मदद पपीता के पत्ते कर सकते है। जी हां रोजाना इन्हें पीसकर इसका जूस निकालकर पीने से कुछ ही दिनों में आपकी प्लेटलेट्स ठीक हो जाएगी।
बकरी का दूध
डॉक्टर के अनुसार रोजाना एक छोटा गिलास बकरी का दूध पीने से भी आपका शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा में बढोत्तरी होगी। आप चाहे तो पपीता की जगह इसका सेवन कर सकते है।