National Sports Day: देश में हर साल 29 अगस्त को यानि आज के दिन राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। क्या आप जानते है राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है? अगर नही, तो आज हम आपको बताने जा रहे है राष्ट्रीय खेल दिवस से जुड़े इतिहास के बारे में।
राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मनाने के पीछे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद है। मेजर ध्यानचंद का जन्म आज ही के दिन 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। ध्यानचंद विश्न खेल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में हॉकी में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक अर्जित किए है।
ध्यानचंद को अपनी गेंद नियंत्रण की कला में कमाल की महारत हासिल थी। वे अपनी हॉकी स्टिक से खेल के मैदान में जैसे कोई जादू करते थे इसलिए उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था। मेजर ध्यानचंद को हॉकी में अपने योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है जो कि देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस
राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन स्पोर्ट्स के प्रति जागरूक करने का मुख्य काम भी किया जाता है। इस तरह के दिवस युवाओं को मान्यता देते है, रोजगार प्रदान करते है और विभिन्न खिलाड़ियों के काम की प्रशंसा भी करते है और युवाओं के बीच खेलों के प्रति जागरूकता पैदा करते है।
मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस के दिन राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है ताकि हॉकी के जादूगर को हर साल याद किया जा सके। जब जर्मनी को बुरी तरह हराया- मेजर ध्यानचंद और जर्मन तानाशाह हिटलर का एक किस्सा काफी मशहूर है। ये बात साल 1936 की है जब भारत और जर्मनी बर्लिन ओलंपिक के हॉकी फाइनल मैच खेलने जा रहे थे।
तब लाखों लोगों के बीच मैदान में हिटलर भी मौजूद था। जर्मन टीम हर हाल में ये फाइनल मैच जीतना चाहती थी। इसके लिए जर्मन खिलाड़ी धक्का-मुक्की पर भी उतर आए थे। जर्मन गोलकीपर टीटो वॉर्नहॉल्त्ज से टकराने के कारण मेजर ध्यानचंद के दांत टूट गए। लेकिन वे जल्द ही मैदान पर आए और जर्मनी को उसी अंदाज में 8-1 से बुरी तरह से हराया।
आज के दिन खिलाड़ियों को किया जाता हैं सम्मानित
इसी दिन राष्ट्रीय खेल पुरस्कार भी दिए जाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से पहली बार ये आयोजन राष्ट्रपति भवन में न होकर ऑनलाइन आयोजित होगा। इस साल अलग-अलग कैटेगरी में कुल 74 लोगों को ये पुरस्कार दिए जाने थे। जिसमें से 64 कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
कुछ खिलाड़ी देश के बाहर होने की वजह से भी राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। आज आयोजित कार्यक्रम में भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे. पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी अपने अपने शहर के साई सेंटर से जुड़ेंगे। इसके अलावा खेल मंत्री किरण रिजिजू और कुछ और महत्वपूर्ण मेहमान विज्ञान भवन से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे।