भारत और नेपाल में सीमा विवाद के कारण रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं। नेपाल की संसद ने शनिवार को विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास कर दिया है। नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है। 275 सदस्यों वाली नेपाली संसद में इस विवादित बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े। नेपाल की संसद में विवादित नक्शा पास होने पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि नेपाल का दावा ऐतिहासिक तथ्य या सबूतों पर आधारित नहीं है और न ही इसका कोई मतलब है। नेपाल की ओर से किया गया दावा मान्य नहीं है।
वहीं, भारत और नेपाल की दोस्ती में बढ़ती दरार के बीच सोशल मीडिया पर लोग बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। शनिवार रात से ही ट्विटर पर #BoycottPatanjali ट्रेंड कर रहा है और इस रिपोर्ट के लिखे जाने के समय भारत में टॉप पर ट्रेंड कर रहा है। अब तक पतंजलि के बहिष्कार की मांग कर रहे इस ट्रेंड के साथ 31 हजार से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं। अब आपको लगेगा कि भारत-नेपाल संबंधों का पतंजलि से क्या लेना-देना और लोग इस भारतीय कंपनी के बहिष्कार का आह्वान क्यों कर रहे हैं?
आपको बता दें कि इसकी जड़ में हैं पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक और कंपनी के सीईओ के तौर पर 94 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले आचार्य बालकृष्ण। योग गुरु बाबा रामदेव के निकटतम सहयोगी आचार्य बालकृष्ण नेपाली मूल के हैं और उनके माता-पिता भी नेपाल के रहने वाले हैं। योग से लेकर बिजनेस तक बालकृष्ण लंबे समय से बाबा रामदेव के साथ काम कर रहे हैं और पतंजलि के सीईओ होने के नाते देश के अमीरों की लिस्ट में शुमार हैं।
दरअसल, 1995 में ही बाबा रामदेव ने दिव्य फार्मेसी की शुरुआत की। इसमें भी आचार्य बालकृष्ण उनके सहयोगी थे। इसके बाद दोनों ने मिलकर 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी। लेकिन नेपाल के साथ भारत के संबंधों में खटास आने और भारत के भूभाग पर नेपाल के दावे के बाद आचार्य बालकृष्ण और उनकी कंपनी पतंजलि ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। देखें क्या कह रहे हैं ट्विटर यूजर्स-
स्वामी @yogrishiramdev जी, आप पतंजलि के नेपाली मालिक बालकृष्ण को बोलें कि वो अपने देशवासियों को समझाएं, वर्ना हम पतंजलि प्रोडक्ट्स से मुंह मोड़ लेंगे। #BoycottPatanjali https://t.co/JOJ0Erk90P
— Rofl Gandhi 2.0 (@RoflGandhi_) June 13, 2020
नेपाल की बेवफाई देख के हो गया है मेरा खून बॉईल,
नहीं खरीदूंगा कभी पतंजलि मस्टर्ड ऑइल |#BoycottPatanjali— PrinceOfDarkness (@CountTheDracula) June 13, 2020
बंद हो जाए कश्मीर की तरह मेरा इंटरनेट।
अगर खाऊं मैं पतंजलि का चाकलेट।#BoycottPatanjali— Vipin Saroha (सरदार) (@vipinsaroha4554) June 13, 2020
#BoycottPatanjali ? pic.twitter.com/p4Irzv0YsI
— Azy (@AzyConTrolI) June 13, 2020
No mercy #BoycottPatanjali pic.twitter.com/31J5K6CJSC
— ᴀꜱɢᴀʀ (@asgarhid) June 13, 2020
@RoflGandhi_ MAAR DENA MUJHE TUM CHATA?, AGAR KHATE MILU PATANJALI KA AATA! #BoycottPatanjali
— Sumit P (@lovely1085) June 13, 2020
नंगी तार पकड़ लूँगा बिजली का,
लेकिन कभी घी नहीं लूंगा पतंजलि का। #BoycottPatanjali— anand bhai (@AnandBhai_) June 13, 2020
Dev naa ho paya Anjali ka,
Biscuit naa lena Patanjali ka.#BoycottPatanjali— Rofl Gandhi 2.0 (@RoflGandhi_) June 13, 2020
Chhod dunga saari galiya
Nahi khaaunga patanjali ka daliya #BoycottPatanjali— Ice touch (@Ravinderjain274) June 13, 2020
शहीदों को दो श्रदांजलि,
लेकिन कभी खरीदना नही पतंजलि।#BoycottPatanjali— Pranay Gharde (@GhardePranay) June 13, 2020
I request @yogrishiramdev to close all the stores and remove all the Patanjali products from Nepal right away. #BoycottPatanjali https://t.co/QmwIo2YpFl
— © Veer Sorry Worker (@VeeryaSorry) June 13, 2020
Kitni darawani thi Manjulika
Noodles hai ghatiya Patanjali ka#BoycottPatanjali https://t.co/Jej3WU3Kzf— Mukesh Mittal (@hallagullaboy) June 13, 2020
अगर भारत माता के हो लोयल,
तो बंद करो लगाना पतंजलि ओयल।#BoycottPatanjali#JaiHind— Manoj Tiwari(Parody) (@ManojMujra) June 13, 2020
Look at the hypocrisy level of Ramdev Baba #BoycottPatanjali pic.twitter.com/FoNrQXg3wR
— ? Niशा ? (@NishaHumanist) June 14, 2020
#BoycottPatanjali
*When someone doesn’t like the patanjali products*Me : pic.twitter.com/3NV2avj6qC
— Jhimli? (@Jhimli_Majumder) June 14, 2020
Every Indian child to Patanjali toothpaste:
#BoycottPatanjali
hate the taste :'( pic.twitter.com/5yWy8FbhdV— Agrani Dixit (@AgraniDixit2) June 13, 2020
People after knowing that patanjali also import some of materials from china for making their products.#BoycottPatanjali pic.twitter.com/ZgD5jdyk7K
— ANUJ ⍟ (@anujcy) June 14, 2020
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से देश में विदेशी कंपनियों और उनके उत्पादों के बहिष्कार करने की बयार चली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत‘ अभियान के बाद यह सेंटीमेंट और मजबूत हुआ है। सीमा पर चीन की दखलंदाजी के बाद चीनी ऐप से लेकर चीनी कंपनियों के सामान के बहिष्कार की बात कही जा रही है। यहाँ तक कि आर्मी कैंटीन में विदेशी ब्रांड के सामनों की बिक्री पर पाबंदी लगाने की बात कही गई। लेकिन, यह पहली बार हो रहा है कि स्वदेशी ब्रांड के तौर पर ख़ुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही पतंजलि को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।