हरियाणा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से इमरजेंसी सेवाएं, एंबुलेंस, NICU वार्ड और प्रसूति वार्ड पर व्यापक असर पड़ा है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में हज़ारों की तादाद में पहुंच रहे मरीज़ों व उनके तीमारदारों को इस हड़ताल के चलते मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं पूरी तरह बाधित हैं। कई स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। बुधवार को फरीदाबाद में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी अस्पताल की सीढि़यों के पास ही फर्श पर हो गई।
सीढ़ी के पास दिया बच्चे को जन्म
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हड़ताल के चलते एक गर्भवती को समय रहते एंबुलेंस नहीं मिल पाई। इसके चलते उसके परिजन उसे सार्वजनिक यातायात से सामान्य अस्पताल लेकर पहुंचे थे। अस्पताल पहुंचते ही सीढि़यों के पास महिला की डिलीवरी हो गई। बदहाली का आलम यह था कि गर्भवती के परिजनों द्वारा मदद की गुहार लगाए जाने के बाद भी कोई कर्मचारी नहीं आगे नहीं आया। काफी देर इंतजार के बाद परिजन महिला वॉर्ड से एक स्टाफ नर्स को बुलाकर लाए, जिसके बाद गर्भवती को प्रसूति कक्ष में ले जाया गया।
एंबुलेंस सेवा ने किया परेशान
हड़ताल के चलते एंबुलेंस सेवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। एनएचएम के किसी कर्मचारी ने एंबुलेंस नहीं चलाई। अधिकतर एंबुलेंस नागरिक अस्पताल में ही खड़ी रहीं। ऐसे में मरीजों को अपने निजी वाहनों पर ही निर्भर रहना पड़ा। इसके अलावा सामान्य अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों को भी परेशानी हुई। उन्हें एंबुलेंस चालकों ने ले जाने से इनकार कर दिया। एंबुलेंस बुक करने वाला कक्ष खाली रहा।
सूरजकुंड मेले में एक भी एंबुलेंस नहीं
अरावली की वादियों में चल रहे सूरजकुंड मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियुक्त की गई चार एंबुलेंस भी हड़ताल के चलते नागरिक अस्पताल में वापस आ गई हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेले में आने वाले पर्यटकों की सेहत की सुरक्षा भी रामभरोसे है।
जांच लैब भी ठप
गौरतलब है कि फरीदाबाद जिले में लगभग 44 स्वास्थ्य केंद्र हैं। लगभग सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर हड़ताल के चलते काम पूरी तरह से बंद रहा। इसके अलावा हड़ताल में लैब टेक्नीशियन भी शामिल होने के वजह से सैंपलों की जांच भी ठप है।
बता दें कि एनएचएम कर्मचारी खुद को स्थाई किए जाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा ये लोग वेतन विसंगतियों, सेवा नियम संशोधन और सातवें वेतन आयोग को लागू करने सहित कई मांगो को लेकर हड़ताल पर गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ जो वायदे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया है।