निवेश के लिए सही विकल्प हो सकते हैं नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स

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निवेश के लिए सही विकल्प हो सकते हैं नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। शेयर बाजार में जब उतार-चढ़ाव होता तो लोग निवेश करने से डरते हैं। हालांकि ऐसा देखा गया है कि जब बाजार में बेहद अनिश्चितता होती है तभी निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है। अपनी निवेश की रणनीति पर कभी डर को न हावी होने देना चाहिए क्योंकि ऐसा देखा गया है कि हर महामारी के बाद बाजारों का खोया भरोसा लौटता है और उनमें बाउंस बैक देखने को मिलता है।


कोरोना महामारी दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर कहर बरपा रही है जिसके चलते लाखों लोग अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं। इस महामारी के काबू में आने तक बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का ये दौर बना रहेगा। लेकिन अच्छी बात यह है कि स्टॉक मार्केट में लगातार काम चल रहा है और पिछले 8 महीनों में इसमें ऐतिहासिक रूप से काफी नाटकीय उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के बिजनेस यूनिट हेड (निवेश) विवेक जैन ने कहा कि ऐसे समय में, जब बाजारों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है, तब लोग निवेश के ऐसे विकल्प ढूंढते हैं, जो गारंटीड रिटर्न देने का वादा करते हैं। ऐसे में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजि़ट्स सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में सामने आते हैं, जिनमें रिटर्न गारंटीड होता है। लेकिन बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजि़ट्स या एफडी की अपनी कुछ कमियां भी होती हैं। बैंक एफडी में अधिकतम 10 साल का लॉक-इन पीरियड होता है यानी आप एफडी में 10 साल से ज्यादा पैसे नहीं बचा सकते। हालांकि एफडी मैच्योर होने पर आप उसे दोबारा रिन्यू करवा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि बैंक एफडी पर जो ब्याज दे रहा है वह केवल 10 साल तक लागू रहेगा, उससे ज्यादा नहीं। दूसरी बात यह कि पिछले 6 सालों में एफडी पर मिलने वाली ब्याज की दर काफी तेजी से घटी है। साल 2014 में बैंक एफडी पर जहां 8.5 फीसदी ब्याज मिलता था, वहीं साल 2020 में यह घट कर 5.4 फीसदी हो चुका है, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है। और इस बात की कोई गारंटी भी नहीं कि अगले कुछ सालों में ब्याज दरें यहां से ऊपर जाएंगी या और नीचे आ जाएंगी।


जैन ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह कि बैंक एफडी पर कोई टैक्स रिबेट या छूट नहीं मिलती। यह कुछ महत्वपूर्ण वजहें हैं जो बताती हैं कि ऐसे समय में हमें ऐसे प्रोडक्ट में निवेश करना चाहिए, जिसमें गारंटीड रिटर्न के साथ आपके निवेश की रकम पर न सिर्फ अच्छा ब्याज मिले बल्कि वह टैक्स फ्री भी हो। उदाहरण के लिए एक ऐसा प्लान जो मौजूदा स्थितियों में भी गारंटीड रिटर्न दे सकता है, वह है नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स।

उन्होंने कहा कि जब कोई ग्राहक किसी गारंटीड नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट में निवेश करता है, तो वह तुरंत यह जान सकता है कि आज वह जो निवेश कर रहा है, उस पर उसे कितना रिटर्न मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट में 10 साल तक हर महीने 10 हजार रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको बारहवें साल से, अगले 25 और साल तक (37वें साल तक) हर महीने 8950 रुपये मिलेंगे। यानी कुल मिलाकर आपको 39 लाख रुपये मिलेंगे। आप चाहें तो आप यह रकम एक साथ ले सकते हैं या फिर अपनी जरूरत के मुताबिक मासिक आय के रूप में भी ले सकते हैं। ये प्लान्स अलग-अलग अदायगी और पॉलिसी शर्तों के साथ मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्लान के कुछ और फायदे हैं। जैसे कि इस प्लान में सेक्शन 80सी के तहत निवेश की गई रकम पर छूट और सेक्शन 10 (10डी) के तहत रिटर्न पर भी छूट मिलती है। साथ ही ग्राहक को सालाना प्रीमियम की रकम की 10 गुना राशि के बराबर लाइफ कवर भी मिलता है।

पॉलिसी बाजार में, ग्राहकों को कई गारंटीड नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स मिलेंगे। जो कि अलग-अलग निवेशकों की शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म निवेश की जरूरत के मुताबिक होते हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी निवेशक जो 5 साल तक निवेश करके 10 साल में रिटर्न चाहता हो या फिर 10 साल तक निवेश करके 25 साल तक रिटर्न पाने की चाहत रखता है, उसे नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स कैटेगरी में बेहतरीन प्रोडक्टस मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

जेएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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