‘अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो’ बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार

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अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार

इस साल अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन लोगों को प्रदान किया गया है। नोबेल प्राइज आर्गेनाईजेशन द्वारा सोमवार 14 अक्टूबर को इकोनॉमिक साइंस के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विजेताओं के नाम घोषित किये गए। भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee), उनकी पत्नी एस्थर डुफलो (Esther Duflo) और माइकल क्रेमर को साल 2019 का नोबेल पुरस्कार मिला है। इन्हें वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए किए गए अपने कामों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

Abhijit Banerjee: कौन हैं अभिजीत बनर्जी, जिन्हें मिला है इस साल के अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

वर्ष 1901 से 2018 के बीच अब तक 908 शख्सियतों और 27 संगठनों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अब तक कुल 590 पुरस्कार दिये जा चुके हैं। लेकिन, नोबेल पुरस्कार के इतिहास में विवाहित जोड़ों (पति-पत्नी) को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घटना बहुत आम नहीं है। आज तक, केवल छह विवाहित जोड़े ही हैं, जिसमें पति-पत्नी दोनों को नोबेल पुरस्कार मिला है। एस्थर डुफलो और अभिजीत बनर्जी की जोड़ी नोबेल पुरस्कार जीतने वाली छठी जोड़ी बनी है। आइये जानते हैं अभिजीत और एस्थर डुफलो से पहले किन जोड़ियों को नोबेल पुरस्कार मिला है…


मैरी और पियरे क्यूरी

अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार
मैरी और पियरे क्यूरी (Copyright © Wellcome Library, London Photographer unknown Available under Creative Commons Attr, CC BY 4.0)

नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली दंपत्ति फ्रांस के भौतिक विज्ञानी मैरी और पियरे क्यूरी की थी। मैरी और पियरे क्यूरी ने 1895 में शादी की। उसी वर्ष, हेनरी बेकरेल ने अपनी खोज में पाया कि यूरेनियम की उपस्थिति वाले खनिजों से एक मजबूत विकिरण का उत्सर्जन होता है। मैरी को इन “यूरेनियम किरणों” में दिलचस्पी हो गई, और उनके शोध के परिणामस्वरूप पूरी तरह से नए तत्व का विचार आया। मैरी के पति पियरे भी इस खोज में गहराई से शामिल हो गए, और 1898 में, उन्होंने दो नए तत्वों – पोलोनियम और रेडियम की खोज की। क्यूरी दंपत्ति को 1903 में हेनरी बैकेरल के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। इन्हें यह पुरस्कार उनकी रेडियो एक्टिविटी की खोज के लिए दिया गया था।

इरेने जोलियट-क्यूरी और फ्रैडरिक जोलियट

अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार
इरेने जोलियट-क्यूरी और फ्रैडरिक जोलियट (Copyright © Association Curie Joliot-Curie Photographer unknown)

नोबेल पुरस्कार जीतने वाली दूसरी जोड़ी इरेने जोलियट-क्यूरी और फ्रैडरिक जोलियट की रही। इरेने, मैरी और पियरे क्यूरी की सबसे बड़ी बेटी थी। इरेने ने अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए अपने रेडियम संस्थान में काम करना शुरू कर दिया। साल 1924 में, फ्रैडरिक जोलियट नामक शख्स मैरी क्यूरी के सहायक के रूप में काम करने के लिए संस्थान में आया। यहाँ इरेने ने उसे रेडियोधर्मिता पर शोध की तकनीक सिखाईं। दोनों के बीच प्रेम पनपा और साल 1926 में इनकी शादी हो गई। जोलियट दंपत्ति ने व्यक्तिगत रूप से और एक साथ भी, नाभिक के प्रक्षेपण पर शोध किया, जो न्यूट्रॉन और पॉज़िट्रॉन की खोज की दिशा में एक आवश्यक कदम था। उनकी सबसे बड़ी खोज कृत्रिम रेडियोधर्मिता थी, जिसके लिए उन्हें संयुक्त रूप से 1935 में रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गेर्टी और कार्ल कोरी

अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार
गेर्टी और कार्ल कोरी (Photo: U.S National Library of Medicine, Images from the History of Medicine Collection)

गेर्टी और कार्ल कोरी नोबेल सम्मान जीतने वाली तीसरी जोड़ी बनी। गेर्टी और कार्ल कोरी एक साथ मेडिकल स्कूल में गए, साथ में ग्रेजुएशन किया और फिर शादी भी की। विएना में हालात ठीक नहीं थे तो वे दोनों बफ़ेलो चले गए। अमेरिका में उन्होंने ने मिलकर इस बात पर शोध किया कि हार्मोन और एंजाइम कैसे सहयोग करते हैं। 30 साल तक एक टीम के रूप में काम करने के बाद 1947 में इन्हें ग्लाइकोजन और ग्लूकोज चयापचय पर अपने शोध के लिए मेडिसिन (चिकित्सा) के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


अल्वा और गुन्नार मिर्डल

अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार
अल्वा और गुन्नार मिर्डल (Photo: KW Gullers / Nordiska museet. Public domain, via Wikimedia Commons)

अल्वा और गुन्नार मिर्डल की जोड़ी नोबेल पुरस्कार जीतने वाली चौथी जोड़ी थी। अल्वा और गुन्नार, 1930 के दशक के प्रमुख सामाजिक वैज्ञानिक थे, जो पारिवारिक राजनीति और कल्याणकारी मुद्दों में गहरी रुचि रखते थे। वे अब तक विभिन्न विषयों में दो पुरस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र पत्नी/ पति की जोड़ी हैं। गुन्नार को पहले से ही आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं के बीच के संबंधों पर शोध के लिए साल 1974 में संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था, जबकि अल्वा को 1982 में परमाणु प्रसार का मुकाबला करने के लिए उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मे ब्रिट और एडवर्ड मोजर

अभिजीत बनर्जी-एस्थर डुफलो बनी नोबेल जीतने वाली छठी जोड़ी, अब तक इन कपल्स को मिला है ये पुरस्कार
मे ब्रिट और एडवर्ड मोजर (Photo: Geir Mogen/NTNU.)

मे ब्रिट और एडवर्ड मोजर की जोड़ी साल 2014 में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली पांचवीं जोड़ी बनी। मे-ब्रिट और उनके पति एडवर्ड मोजर को हमारे “आंतरिक जीपीएस” की खोज के लिए मेडिसिन (चिकित्सा) के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


Nobel Prize 2019: अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

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