साल 2019 में खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। साल 2019 में मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद है। मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी संस्था स्काईमेट ने सोमवार को बताया कि इस साल देश में मानसून के सामान्य रहने की 50 फीसदी से अधिक संभावना है।
स्काईमेंट के अनुसार इस बार सूखा पढ़ने की संभावना बहुत कम है। स्काईमेंट द्वारा अगला अनुमान अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी किया जाएगा। पिछले साल की बात करें तो मानसून सामान्य से कुछ कमजोर रहा था, जबकि साल 2018 के पहले लगातार 2 साल सामान्य मानसून रहा था। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था खेती प्रधान है, जिस वजह से मानसून का भारत के लिए बड़ा महत्व है।
आपको बता दें कि करीब दो लाख करोड़ डॉलर से अधिक की भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि केंद्रित है, जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है। स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने कहा कि सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना बेहद कम है। भारत में सालाना होने वाली बारिश में मानसून की हिस्सेदारी 70 फीसदी से अधिक होती है।
सामान्य मानसून का सीधा असर खेती पर पड़ता है। मानसून सामान्य और अच्छा रहने से खेती बेहतर होती है, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है, जिससे मांग में भी तेजी आती है। ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ने से इंडस्ट्री को भी फायदा मिलता है। कुल मिलकार यह देश की इकोनॉमी के लिए बेहतर होता है।
जून से शुरुआत होने वाले मानसून सीजन के दौरान 50 सालों के औसत 89 cm से अधिक बारिश होने को सामान्य कहा जाता है, जो 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच होता है। भारत, एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें कृषि क्षेत्र की निर्भरता चार महीनों के दौरान होने वाली मानसूनी बारिश पर होती है।