Rajasthan Crisis: कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटाया, गोविंद सिंह दोस्तारा होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

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Rajasthan Crisis: सचिन पायलट की कांग्रेस से विदाई हुई पक्की, गोविंद सिंह दोस्तारा होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

Rajasthan Crisis: रविवार से शुरू हुआ राजस्थान का सियासी घमासान अभी भी जारी है। सचिन पायलट (Sachin Pilot) के लिए अब कांग्रेस के दरवाजे अब बंद हो गए हैं। लगातार तीन दिन से उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें असफल होने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने सचिन को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।

राजस्थान में अब गोविंद सिंह दोस्तारा प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालेंगे। गोविंद सिंह दोस्तारा अभी राज्य के शिक्षामंत्री का पद भी संभाल रहे है।सचिन के के अलावा, उनके समर्थक मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी हटा दिया है। पायलट के बागी तेवरों के बाद सीएम गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए दावा किया कि उनके पास 106 विधायकों का समर्थन है।


एक जानकारी के अनुसार कुछ नेता उनको मनाने पहुंचे थे लेकिन कांग्रेस की बैठक से किनारा करते हुए सचिन ने साफ कर दिया कि उनकी बगावत जारी है। उधर कांग्रेस ने किसी भी जोखिम से बचते हुए अपने विधायकों को एक रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 30 विधायकों समर्थन हैं, लेकिन कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि उनके पास 16 से अधिक नहीं है।

पत्रकारों से सुरजेवाला ने कहा, “पायलट को पिछले 17-18 सालों में कम उम्र में ही अहम पद दिए गए थे। बदकिस्मती की बात है कि वह और कुछ अन्य लोगों के बहकावे में आ गए। अब वह आठ करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए साजिश रच रहे हैं। यह चीज किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकती है।”

इससे पहले, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से नाराज चल रहे खेमे ने सदन में शक्ति परीक्षण कराने की मांग की थी। विधायक दीपेंद्र सिंह के बाद पायलट के करीबी रमेश मीणा ने भी यह मांग की। उन्होंने मंगलवार को कहा, ‘‘सदन में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। इससे उस दावे की पोल खुल जाएगी कि अशोक गहलोत सरकार को पर्याप्त विधायकों का समर्थन प्राप्त है।’’


दरअसल, पायलट के करीबी मीणा उन 19 विधायकों में से हैं जो सोमवार तथा मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए।  राजस्थान में राजनीतिक उठा-पटक के बीच कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को दावा किया था कि कुल मिलाकर 109 विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत सरकार को हासिल है। इनमें कांग्रेस के साथ-साथ निर्दलीय व कुछ अन्य दलों के विधायक शामिल हैं।

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