न्यूयॉर्क, 23 सितंबर (आईएएनएस)| इंटरनेट के आगमन से पहले, यात्रा पोस्टर ही शब्दों और दृश्यों के माध्यम से लोगों को एक देश से दूसरे देश जाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। देश-विदेश के लोगों में दूर-दराज देशों की यात्रा की ललक जगने के कारण ही 20वीं सदी में क्रूज जहाज, रेलवे और एयरलाइन्स का महत्व बढ़ा।
कुछ ऐसे ही यात्रा पोस्टरों के सीरीज की न्यूयॉर्क सिटी में स्थित कपूर गैलरी इंक में प्रदर्शनी लगाई गई है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के रहस्यों के प्रति यात्रियों को लुभाने के लिए 20वीं सदी में बनाए गए थे।
‘इमेजेज ऑफ द एक्सोटिक : पोस्टर्स ऑफ इंडिया फ्रॉम द गोल्डन एज ऑफ ट्रैवल’ शीर्षक से लगी प्रदर्शनी 27 सितंबर तक चलेगी।
प्रदर्शनी में लगे 1930 से 1970 के दशक तक के इन पोस्टरों के जरिए ही कमर्शियल एविएशन कंपनियों द्वारा कुलीन वर्ग के यात्रियों के बीच, स्मारकों के साथ-साथ ‘स्वदेशी’ लोगों से मिलने के लिए उपलब्ध कराए गए नए यात्रा मार्गों के प्रति रुचि पैदा करने के लिए प्रचारित किया जाता था।
प्रदर्शित की गई तस्वीरों में कश्मीर के हरे-भरे परिदृश्य और कंचनजंगा के बर्फीले उत्तरी क्षेत्र नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही उनमें पुरी की रथयात्रा जैसी पारंपरिक शहरी त्योहारों के साथ ही भारत के विशाल प्राकृतिक संसाधनों को देखा जा सकता है।
गैलरी ने सूचना के जरिए प्रदर्शनी के बारे में कहा, “प्रदर्शनी में यात्रियों को आर्कषित करने के लिए मूर्तिकला और वास्तुकला को भी जगह दी गई है। भारत सरकार द्वारा प्रकाशित और प्रसारित एक प्रिंट में दो भारतीय महिलाओं को देखा जा सकता है, जो एक छत से ताजमहल का दीदार करती नजर आ रही हैं, जो यात्रियों को भी उस परिदृश्य को वास्तव में देखने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।”
हालांकि इनमें से अधिकांश पोस्टर अज्ञात कलाकारों द्वारा डिजाइन किए गए थे। वहीं कुछ का श्रेय अमेरिकी कलाकार डेविड क्लेन, डेनिश कलाकार ओटो नीलसन और स्विस कलाकार डोनाल्ड ब्रून को दिया जाता है।
प्रदर्शनी के कुछ अंश कपूर गैलरी इंक वेबसाइट पर ऑनलाइन भी देखे जा सकते हैं।