Odisha: श्री जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचा कोरोना का कहर, 400 से अधिक पुजारी संक्रमित

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Odisha: श्री जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचा कोरोना का कहर, 400 से अधिक पुजारी संक्रमित

Odisha: कोरोना महामारी अभी तक बरकरार है। कुछ महीनों के लॉकडाउन के बाद देश में अब कई सारी चीजें धीरे धीरे खुलने लगी हैं। इसी क्रम में धार्मिक स्थल भी घीरे धीरे खुल रहे हैं। लेकिन धार्मिक स्थलों से अब बुरी खबर सामने आ रही है।

ओडिशा (Odisha) के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में कोरोना वायरस के प्रकोप (Corona virus) की खबरें सामने आ रही है। बता दें कि कोविड-19 के चलते जगन्नाथ मंदिर मार्च के महीने से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है।


खबरों की मानें तो, मंदिर के 400 से अधिक पुजारी और अधिकारी, 351 सेवादार, 53 कर्मचारियों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मंदिर प्रशासन के प्रशासक अजय जेना ने कहा है, “कि 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की सेवा में लगे कुल 404 लोगों ने कोरोना वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है। इतने सारे सेवादारों की अनुपस्थिति के बावजूद भगवान जगन्नाथ की पूजा और उससे जुड़े सभी अनुष्ठान सामान्य रूप से जारी हैं।”

 

अधिकारी ने आगे कहा कि “अधिकांश सेवक कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन में हैं और अनुष्ठान के लिए अनुभवी व जानकार लोगों की कमी है। एक देवता की पूजा के लिए कम से कम 13 पुजारियों के एक समूह की आवश्यकता होती है। ऐसे में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा के लिए अन्य सेवादारों के अलावा 39 पुजारियों की उपस्थिति आवश्यक है।”


 

जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा ने बताया कि “अगर एक अनुष्ठान नहीं किया जाता है तो मंदिर की परंपरा के अनुसार दूसरा अनुष्ठान भी नहीं किया जा सकता है। अगर आनेवाले दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती है तो इससे समस्या हो सकती है। मंदिर प्रशासन कनिष्ठ सेवादारों को शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।”

 

राज्य सरकार ने एक हलफनामें में ओडिशा हाईकोर्ट को बताया कि “कोविड-19 महामारी के तहत भक्तों के लिए पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर व अन्य मंदिरों को खोलना संभव नहीं है। गौरतलब है कि मार्च से ही मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद हैं। पुरी में जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में पर्याप्त जगह नहीं है और ऐसे में अगर मंदिर को भक्तों के लिए खोला गया तो कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है।”

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