नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। शुक्रवार को आमजन में यह बात फैल गयी कि दक्षिण पूर्वी जिले में स्थित ओखला मंडी सील कर दी गयी है। सील होने के साथ ही यहां आने-जाने वाले खरीददार और विक्रेता गायब हो गये हैं। मंडी में सन्नाटा छा गया है। इस हवा के फैलते ही कई घंटे तक दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जबकि ऐसा कुछ नहीं था। पुलिस के मुताबिक, कुछ पाबंदियां भीड़ पर लगाई गयी हैं। मंडी में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को हटाया गया है। शुक्रवार को मंडी का साप्ताहिक अवकाश है। इसलिए भी भीड़ नहीं पहुंची होगी।
आईएएनएस ने इस बारे में पुलिस से जब बात की तो हकीकत कुछ और ही निकली। पता चला कि, यह महज एक कोरी अफवाह थी। न ओखला मंडी सील की गयी थी। न ही अस्थाई रूप से स्थानांतरित या बंद ही की गयी थी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने आईएएनएस से कहा, “मंडी को सील नहीं किया गया है। हो सकता है कि शुक्रवार को वीकली ऑफ की वजह से बंद सा लग रहा हो।”
दक्षिण पूर्वी जिला डीसीपी आर. पी. मीणा ने आईएएनएस से कहा, “नहीं यह गलत खबर है। ओखला मंडी सील नहीं हुई है। हां, भीड़ इकट्ठी न हो। लोग एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखें। इसलिए एहतियातन काफी इंतजाम किये हैं।”
ओखला मंडी अमर कालोनी थाना क्षेत्र में आती है। आईएएनएस ने इस बारे में अमर कालोनी थाना पुलिस के एक अधिकारी से भी बात की। उन्होंने भी मंडी सील किये जाने की बात से इंकार किया। थाने के इसी अधिकारी के मुताबिक, “हम लोगों ने यहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए काफी स्टाफ लगाया हुआ है। शुक्रवार को मंडी का साप्ताहिक अवकाश होता है। इसलिए आज भीड़-भाड़ नहीं है। वैसे भी थाना पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दुकानों के सामने और मंडी के आसपास लगने वाले रेहड़ी-ठेलों को हटवा दिया है। ताकि भीड़ एक जगह इकट्ठी न हो। इसी अधिकारी के मुताबिक, “रेहड़ी ठेलों पटरी वालों को भी पुलिस ने मार्केट पदाधिकारियों के साथ मिलकर ही हटाया है।”
–आईएएनएस