पांच ओलंपिक गोल्ड जीत चुकी अमेरिकी तैराक ने की हिंदू धर्म की तारीफ, जानें पूरा मामला

  • Follow Newsd Hindi On  
पांच ओलंपिक गोल्ड जीत चुकी अमेरिकी तैराक ने की हिंदू धर्म की तारीफ, जानें पूरा मामला

मशहूर अमेरिकी तैराक मिसी फ्रैंकलिन हिंदू धर्म की प्रशंसक है। एक ही ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाली फ्रैंकलिन ने कहा कि हिंदू धर्मग्रंथों को पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है। 23 वर्षीय फ्रेंकलिन ने पिछले साल अचानक संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था। बाद में उन्होंने बताया कि कंधे की चोट के कारण वह रिटायर हो रही हैं।

ओलंपिक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर चुकीं फ्रैंकलिन ने रिटायर होने के ठीक बाद योग करना शुरू किया। जिससे उन्हें हिंदू धर्म के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उनके मन में अध्यात्म के प्रति रुचि पैदा हुई। अब वह जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में धर्म की पढ़ाई कर रही हैं।


उन्होंने कहा कि हिंदू ग्रंथों को पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है। हिंदुत्व को जानना और महाभारत, रामायण को पढ़ने का अनुभव कमाल का है। महाभारत के किरदारों पर भले ही मैं भ्रमित हो जाती हूं, लेकिन रामायण में राम और सीता के बारे में पढ़ना मुझे आकर्षित करता है।  मिसी ने संन्यास के बाद मनोरंजन के लिए योग करना शुरू किया। लेकिन हिंदू धर्म के बारे में जानने के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ हुआ। वह जॉर्जिया विश्वविद्यालय में धर्म में पढ़ाई कर रही हैं। फ्रेंकलिन ने लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार के दौरान कहा, ‘मैं पिछले एक साल से धर्म की पढ़ाई कर रही हूं। यह काफी आकर्षक और आंखें खोलने वाली है। मुझे विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ना पसंद है।

लंदन ओलंपिक में 5 स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरा अपना धर्म ईसाई है लेकिन मेरी दिलचस्पी हिंदू धर्म में ज्यादा है। मैं इस्लाम भी पढ़ रही हूं। ये दोनों ऐसे धर्म हैं जिनके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था, लेकिन उनके बारे में पढ़ने के बाद लगा की ये शानदार हैं।’

तैराकी में सफल फ्रेंकलिन पढ़ाई में भी काफी अच्छी हैं और वह हिंदू धर्म के बारे में काफी कुछ जानती हैं। वह रामायण और महाभारत की ओर आकर्षित हैं और अपरिचित नामों के बाद भी दोनों महाग्रंथों को पढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे उसके मिथक और कहानियां अविश्वसनीय लगती हैं। उनके भगवान के बारे में जानना भी शानदार है। महाभारत और रामायण पढ़ने का अनुभव कमाल का है।’



हर मजहब का आदर करने वाले ‘हिंदू सम्राट’ शिवाजी महाराज, युद्धनीति में थे माहिर

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)