COVID-19 Outbreak: देश में लगातार कोरोना (Corona Virus) के मामले बढ़ रहे हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी रोजाना ढाई हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को ये आंकड़ा 2579 तक पहुंच गया।
जिसके बाद मध्य प्रदेश का कुल आंकड़ा 1 लाख 5 हजार 644 हो गया है। मध्य प्रदेश में अब तक 1970 लोगों ने अपनी जान कोरोना के चलते गंवा दी है। खबरे आ रहीं थी कि एक बार फिर मध्य प्रदेश में लॉकडाउन (Lockdown) हो सकता है। इस पर अब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) का बयान आया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में दोबारा लॉकडाउन लगाने का अभी कोई विचार नहीं है। लॉकडाउन के दुष्परिणाम हम सभी देख चुके हैं। अत: अब सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन जीने की आदत डालनी होगी। उन्होंने प्रदेश में शुरू होने वाले दो दिवसीय विधानसभी सत्र के बारे में कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय सत्र कोरोना वायरस आपदा के बीच विशेष परिस्थितियों में हो रहा है।
प्रदेश में दोबारा #lockdown लगाने का अभी कोई विचार नहीं है। लॉकडाउन के दुष्परिणाम हम सभी देख चुके हैं। अतः अब सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालनी होगी।#COVID19 pic.twitter.com/hDf5a5hN9t
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 21, 2020
सरकार के कई मंत्री और विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। अत: आज विधानसभा में बजट और अन्य आवश्यक वित्तीय कार्य ही किए जाएंगे। कोरोना की छाया है सावधानी का नाम बुद्धीमानी है। प्रोटेम स्पीकर ने बैठक की और सर्वानुमति से यह तय हुआ है। सारे जरूरी वित्तीय कार्य आज किए जाएंगे।
मप्र विधानसभा का एक दिवसीय सत्र #coronavirus आपदा के बीच विशेष परिस्थितियों में हो रहा है। सरकार के कई मंत्री और विधायक #कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। अतः आज विधानसभा में बजट और अन्य आवश्यक वित्तीय कार्य ही किए जाएंगे। pic.twitter.com/e6LGF2Sorx
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किसान बिल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) ने किसानों को धोखे में रखा। इसका उसे दुष्परिणाम भुगतना होगा। उसे अब ये स्पष्ट करना ही होगा कि उसने अपने वचनपत्र में किए वायदों को क्यों नहीं पूरा किया। कांग्रेस ने किसानों को कर्जमाफी के धोखे में रखा। किसान को नया कर्ज भी नहीं मिल पाया। उन्होंने कमलनाथ (Kamalnath) को भी निशाने पर लिया।
.@INCMP को किसानों के साथ किए गए झूठे वादों के दुष्परिणाम तो भुगतना ही पड़ेंगे। उसे अब तो स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर वो अपने वचनपत्र में किए गए वादे क्यों नहीं पूरे कर पाई।@BJP4MP @OfficeOfKNath pic.twitter.com/qZZodwkTrQ
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