उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर में बच्चे के अपहरण और हत्या केस में एसएसपी ने सोमवार की देर रात हल्का दारोगा दिग्विजय सिंह और मुख्य हेड कॉन्सटेबल प्रदीप सिंह और सुरेन्द्र तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही इन तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने अपहरण और हत्या के मामले में अपने कर्तव्यों और दायित्यों के निर्वहन में शिथिलता और उदासीनता दिखाई है। फिलहाल यह बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है जिसके बाद इनके ऊपर कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस मामले में कड़ा रवैया अपनाया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ इस मामले में पुलिस की जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया।
आपको बता दें कि गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र स्थित जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्ता घर में ही किराना की दुकान चलाते हैं। पांचवीं में पढ़ने वाला उनका बेटा बलराम रविवार की दोपहर में 12 बजे घर से खेलने जाने को कहकर निकला था।
इसके बाद उसका अपरहण हो गया। बलराम के घर वालों के पास रविवार को अलग-अलग समय पर तीन फोन आए। फोन करने वालों ने एक करोड़ रुपए की फिरौती की मांग रखी। पहले तो महाजन गुप्ता ने इसे मज़ाक समझा लेकिन देर शाम तक बच्चे का कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दे दी।
बच्चे के अपहरण और एक करोड़ रुपए फिरौती मांगे जाने की सूचना ने पुलिस के होश उड़ा दिए। एसएसपी ने इस मामले में एसटीएफ और क्राइम ब्रांच को लगा दिया। इसके बाद पुलिस ने किराना व्यापारी के बेटे बलराम की लाश को सोमवार की शाम जंगल के किनारे एक बोरे से बरामद की।
बलराम का शव सोमवार शाम उसके घर से करीब सात किलोमीटर दूर एक नाले में पड़ा मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपहरणकर्ताओ ने हत्या से पहले बलराम को यातनाएं भी दी थीं। उसके दोनों हाथ पीछे उठाकर तोड़ दिए गए थे। गर्दन भी टूटी थी। वहीं सिर पर भी गंभीर चोट दिख रही थी।
इस मामले को तूल पकड़ता देख यूपी सीएम ने अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल सभी अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का भी भरोसा दिया है। सीएम ने अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच होगी।
उन्होंने कहा कि घटना में पुलिस की जवाबदेही तय की जाएगी। शोक संतप्त परिवारीजनों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराकर सरकार अपराधियों को कड़े से कड़ा दण्ड दिया जाना सुनिश्चित कराएगी।