देहरादून, 7 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तराखंड में बिजली चोरी रोकने के लिए एक नई मुहिम चलाई जाएगी। इस मुहिम के तहत छोटे और बड़े बिजली चोरों से निपटने के लिए शासन ने प्लान ‘ऊर्जागिरी’ बनाया है। ऊर्जागिरी अभियान की रणनीति ऊर्जा सचिव राधिका झा ने तैयार की है। इसके तहत लोगों को बिजली की चोरी और बर्बादी रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही बिजली चोरी की सूचना देने वाले को इनाम भी दिया जाएगा।
राधिका झा ने आईएएनएस को बताया, “ऊर्जागिरी को गांधीगिरी की तर्ज पर कैंपेंन किया जाएगा। इसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लांच करेंगे। इसके तहत लोगों में जागरूकता लाई जाएगी। इसे जनता की सहभागिता से आगे बढ़ाया जाना है।”
ऊर्जा सचिव ने कहा, “हम रेडियो और समाचार-पत्रों के माध्यम से भी लोगों को बिजली चोरी नहीं करने के प्रति जागरूक करेंगे। इसी के साथ बिजली चोरी रोकने में सहयोग करने वालों के लिए इनाम का प्रावधान भी रखा गया है।”
उन्होंने बताया, “बिजली चोरी से राज्य को हर साल होने वाला करोड़ों रुपये का नुकसान अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब हर बिजली चोर को पकड़ा जाएगा, चाहे वह घरों में हो रही चोरी हो या उद्योगों में होने वाली चोरी।”
उन्होंने बताया, “पहले तो हम गांधीगिरी की तर्ज पर लोगों से निवेदन करेंगे कि अगर आपके आस-पड़ोस में कोई बिजली चोरी करता है तो इसकी हमें जानकारी दें। इसकी जानकारी हमारे टोल फ्री नंबर पर दी जा सकती है।”
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड में 15 फीसदी लाईनलॉस हो रहा है, जिसका प्रमुख कारण बिजली की चोरी है।
ज्ञात हो कि प्रदेश में ऊर्जा निगम बिजली चोरी रोकने में सफल नहीं हो पा रहा है। यूं तो निगम में विजिलेंस सेल भी है, लेकिन डिविजन और सब-डिविजन स्तर पर मिलने वाली शह से बिजली चोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अधिकारी छोटे-छोटे मामलों में कार्रवाई कर बिजली चोरी रोकने की खानापूर्ति करते हैं, जबकि बड़े बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। इसी स्थिति से निपटने के लिए शासन अब प्लान ‘ऊर्जागिरी’ पर काम करेगा।