मेरठ के मशहूर आनंद अस्पताल (Anand Hospital) के मालिक हरिओम आनंद (Hariom Anand) की शनिवार को मौत हो गई है। एक खबर के मुताबिक वह 1:30 बजे से आनंद हॉस्पिटल में भर्ती थे। आनंद अस्पताल के मैनेजर मनीष पंडित ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने आत्महत्या से इनकार किया है। यह भी कहा है कि पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा।
उनकी मौत होने की जानकारी अस्पताल के स्टाफ को पता चली तो हड़कंप मच गया। खबरों के मुताबिक हरिओम आनंद की मृत्यु सल्फास खाने की वजह से हुई है। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। इस पूरे मामले के पीछे कर्ज में डूबना बताया जा रहा है। चर्चा है कि हरिओम पर करीब 400 करोड़ रुपए का कर्ज था।
उधर, घटना की जानकारी लगते ही पुलिस जांच में जुट गई है। फिलहाल हरिओम आनंद के सबसे खास व्यक्ति ऋषिपाल फरार बताएं जा रहे हैं। ऐसे में कई लोगों का उन पर शक जाना लाजिमी है। मीडिया की खबरों के मुताबिक आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद लंबे समय से तनाव में थे।
कर्ज से बाहर निकलने की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उनका घाटा लगातार बढ़ता रहा। एक दावे के मुताबिक अस्पताल पर 300 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया था, जिसके बाद अस्पताल का ज्यादातर शेयर डॉक्टर और दवा कारोबारियों ने खरीद लिए थे। अस्पताल से जुड़े स्टाफ की मानें तो नोटबंदी के बाद आनंद अस्पताल की आर्थिक कमर टूट चुकी थी।
अस्पताल के प्रबंधन ने 30 फीसद से ज्यादा कर्ज पर उधार लिया और पैसों को फार्म हाउस और जमीनों की खरीद, भवन निर्माण और शेयर बाजार में लगा दिया। जिस वजह से अस्पताल पर 352 करोड़ का कर्ज हो गया, जिसमें बैंक का सिर्फ 15 करोड़ के आसपास है। बाकी पैसा निवेशकों से भारी भरकम ब्याज पर उठाया गया।
इस पैसे से अस्पताल के कई महंगे चिकित्सा उपकरण भी खरीदे गए। इस बीच, रियल एस्टेट कारोबार और शेयर बाजार में गिरावट से अस्पताल की आर्थिक रीढ़ टूट गई। लेकिन अभी तक उनके कर्ज में डूबने या फिर आत्महत्या करने के बारे में किसी तरह की कोई भी पुष्टि नहीं हुई है।