इस्लामाबाद, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में हुई हिंदू विरोधी हिंसा इलाके में सांप्रदायिक दंगे करवाने और हिंदू समाज को भयभीत करने के लिए की गई एक साजिश का हिस्सा थी।
यह दावा घटना की जांच के लिए नियुक्त एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में किया है। बीती 15 सितम्बर को सिंध प्रांत के घोटकी में हिंदू विरोधी हिंसा हुई थी। दंगाइयों ने हिंदू समुदाय की कई दुकानों को क्षतिग्रस्त कर उनमें लूटपाट की थी। मंदिर पर भी हमला किया गया था। हिंदू समुदाय के घरों को भी निशाना बनाया गया था। इस मामले में करीब दो सौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
यह हिंसा तब भड़की जब एक छात्र ने अपने हिंदू शिक्षक पर ईश निंदा का आरोप लगाया। शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया। हिंसा भड़कने के बाद छात्र ने बताया कि शिक्षक ने उसे डांटा था जिससे वह नाराज हो गया था और उसने झूठा आरोप लगा दिया। उसने अपने शिक्षक से माफी भी मांगी थी।
इस घटना की जांच के लिए पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया था जिसमें हिंदू सांसदों समेत अन्य जनप्रतिनिधि, वकील, मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। इस टीम ने घोटकी जाकर लोगों से बातचीत की थी और हालात का जायजा लिया था। टीम ने मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घोटकी की घटना हिंदू समुदाय में भय पैदा करने और इलाके में सांप्रदायिक दंगे करवाने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थी।