पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को वापस भेजा, खत्म किये द्विपक्षीय व्यापार संबंध

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इस्लामाबाद | पाकिस्तान के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और द्विपक्षीय संबंध स्थगित करने का निर्णय लिया। इस्लामाबाद ने यह कदम जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के नई दिल्ली के कदम के बाद उठाया है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान ने की।

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक के बाद एआरवाई न्यूज से कहा, “हमारे राजदूत अब दिल्ली में नहीं रहेंगे और उनके राजदूत को भी हम वापस भेजेंगे।”


बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, एनएससी ने भारत संग कूटनीतिक संबंध डाउनग्रेड करने, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने, द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करने, मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने और 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस कश्मीरियों के साथ एकजुटता जताने के लिए मनाने के निर्णय लिए हैं।

बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि भारत के क्रूर नस्ली शासन को, उसकी डिजाइन को और मानवाधिकार हनन को बेनकाब करने के लिए सभी कूटनीति माध्यमों को सक्रिय किया जाए।”

बैठक में रक्षामंत्री परवेज खट्टक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के जनरल जुबैर हयात, सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।


बयान में कहा गया है, “इस बार 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बहादुर कश्मीरियों और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए उनके जायज संघर्ष के साथ एकजुटता जताने के लिए मनाया जाएगा।”

इमरान खान ने इसके पहले मंगलवार को नेशनल एसेंबली के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो सकता है।

क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान ने कहा था, “मैं अनुमान जाहिर कर सकता हूं कि यह होगा। वे फिर हम पर दोषारोपण करेंगे। वे हम पर फिर हमला कर सकते हैं, और हम जवाबी हमला करेंगे।”

उल्लेखनीय है कि सप्ताह भर के भीतर एनएससी की यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक चार अगस्त को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर नागरिक आबादी को निशाना बनाने के लिए भारत के क्लस्टर बम के इस्तेमाल पर चर्चा के लिए हुई थी।


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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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