लाहौर, 8 मई (आईएएनएस)। कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बीच आए रमजान के महीने में पाकिस्तान का अल्पसंख्यक समुदाय धार्मिक सद्भाव की मिसालें पेश कर रहा है।
पर्व के अवसरों पर सभी समुदाय एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं और इसी के तहत हर साल रमजान में गरीब मुसलमानों को हिंदू, सिख, ईसाई व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से मदद मिलती है। लेकिन, इस साल कोरोना महामारी के कारण स्थिति विकट हो गई और ऐसे में अल्पसंख्यक समुदायों ने गरीब मुसलमानों के लिए अपनी मदद के स्तर को और बढ़ा दिया है। केवल गरीब मुसलमान ही नहीं, बल्कि अन्य के लिए भी इफ्तार का विशेष इंतजाम अल्पसंख्यकों द्वारा किया जा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रमजान में धार्मिक सौहार्द और भाईचारा दिखने को मिल रहा है। लाहौर में धार्मिक सौहार्द संवाद के राष्ट्रीय आयोग के प्रमुख आर्कबिशप सेबेस्टियन फ्रांसिस के नेतृत्व में ईसाई समुदाय द्वारा रोजाना मुसलमानों के लिए इफ्तार का इंतजाम किया जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से इफ्तार की दावत नहीं दी जा सकती, इसलिए इफ्तारी के पैकेट घरों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
कैथ्रेडल चर्च लाहौर के पादरी शाहिद मेराज ने बताया कि चर्च की तरफ से कई परिवारों की मदद की जा रही है और उनके घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज हम ईसाइयों के पर्व में हिस्सा लेता है और खुशियां मनाता है। हमारे लिए भी जरूरी है कि हम उनकी खुशियों में शामिल हों।
लाहौर के सिख नेता सरदार बिशन सिंह ने बताया कि उन्होंने और उनके भाई ने सौ से अधिक मुस्लिम परिवारों को राशन पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हर साल हम कई इफ्तार पार्टियां करते थे लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण यह संभव नहीं हो सका।
ननकाना साहिब में भी सिख परिवारों की तरफ से कई मुस्लिम परिवारों को राशन की मदद दी गई है।
पंजाब विधानसभा के सदस्य सरदार महेंद्रपाल सिंह ने कहा कि रमजान में मुस्लिम परिवारों व मित्रों की तरफ से कई तोहफे मिलते हैं। हम भी उन्हें तोहफे भेजते हैं।
सिंध प्रांत में कोरोना के कारण रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रहे परिवारों को रमजान में मदद पहुंचाने में हिंदू समुदाय के सदस्य बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
–आईएएनएस