‘पाकिस्तानी जेल से रिहा अंसारी पहुंचेंगे घर’

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 मुंबई, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)| जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में करीब छह साल बिताने के बाद रिहा हुआ मुंबई का एक शख्स मंगलवार को घर के लिए रवाना होगा।

 पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी (पीआईपीएफपीडी) के महासचिव जतिन देसाई ने आईएएनएस को बताया, “हां, यह एक बहुत अच्छी खबर है। हामिद नेहाल अंसारी को जेल से रिहा कर दिया गया है और आज उन्हें वाघा बार्डर पर भारत के हवाले कर दिया जाएगा।”


अंसारी (33) के परिवार के सदस्य, पिता नेहाल और मां फौजिया समेत, भारत-पाकिस्तान दोस्ती के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता, अधिकारी और राजनीतिक हस्तियां उनके स्वागत के लिए सीमा पर उपस्थित होंगी।

मुंबई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता व पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े, जिन्होंने पिछले कुछ सालों से अंसारी के परिवार की सहायता की है, ने कहा कि वे औपचारिकताएं पूरी करने और अंसारी की वापसी सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग गए थे।

पाकिस्तान ने पेशे से इंजीनियर अंसारी पर भारतीय जासूस होने और देश में अवैध तरीके से प्रवेश करने सहित फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया था।


नवंबर 2012 से जब अंसारी रोजगार के सिलसिले में देश छोड़ काबुल के लिए रवाना हुए और फिर उनके ‘लापता’ होने की खबर आई, उनके परिवार के लिए यह कठिन परीक्षा का समय रहा।

कथित रूप से सोशल मीडिया पर उनकी दोस्ती एक पाकिस्तानी लड़की से हो गई और लड़की की जबरन कराई जा रही शादी रोकने के लिए वह खैबर पख्तूनख्वा के कोहट पहुंचे।

12 नवंबर 2012 को अंसारी ने पाकिस्तान के पेशावर जाने के लिए जलालाबाद में अफगानिस्तान सीमा पार की, जहां पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया।

बाद में, एक सैन्य अदालत ने उन्हें तीन साल के लिए जेल भेज दिया।

उनकी तीन साल जेल की सजा पूरी होने के बाद भी उन्हें जेल में रखा गया।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उन्हें पाकिस्तान से एक नोट मिला है कि वे मंगलवार को अंसारी को रिहा करेंगे।

मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “यह बड़ी राहत की बात है, खासकर परिवार के सदस्यों के लिए..कि पाकिस्तान की जेल में भारतीय नागरिक की छह साल की कैद अब खत्म हो रही है।”

उन्होंेने कहा, “हम चाहते हैं कि पाकिस्तान अन्य भारतीय नागरिकों और मछुआरों की पीड़ा को खत्म करने के लिए भी कदम उठाए, जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है और जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान की जेलों में कष्ट भोग रहे हैं।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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