पाकिस्तानी मीडिया ने आईसीजी के फैसले को बताया देश की जीत

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 नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के निर्णय के एक दिन बाद पाकिस्तानी अखबारों ने ‘भारत की हार’ और ‘पाकिस्तान सही साबित हुआ’, ‘भारत को धूल चाटनी पड़ी’ जैसे शीर्षकों का उपयोग करते हुए फैसले को पाकिस्तान की जीत करार दिया।

  वहीं, भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने और उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान किए जाने के निर्णय को अपनी जीत बताया है।


फैसले को लेकर ट्विटर पर दोनों देशों के यूजर्स के बीच टकराव भी देखने को मिला। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोनों देशों के नागरिकों ने विभिन्न तर्को के साथ निर्णय को अपनी-अपनी जीत करार दिया।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की रिहाई का आदेश नहीं दिया, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ी जीत है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इसी आधार पर आईसीजे के निर्णय की सराहना की।

पाकिस्तानी टुडे का शीर्षक था ‘इंडिया सर्वड रॉ जस्टिस।’ इसके जरिए उस बात की पुष्टि करने की कोशिश की गई कि जाधव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एजेंट हैं।


पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून ने बैनर शीर्षक दिया, ‘पाकिस्तान विंडिकेटेड’ (पाकिस्तान ने साबित किया) और द डेली टाइम्स ने कहा, ‘इंडिया बाइट्स द डस्ट’ (भारत ने धूल चाटी)।

द डॉन ने अधिक व्यावहारिकता दिखाते हुए शीर्षक दिया, ‘जाधव की रिहाई और उसे दोषमुक्त करने की भारत की मांग को आईसीजी ने ठुकराया।’ वहीं द नेशन ने लिखा, ‘अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जाधव मामले में पाकिस्तान की जीत।’

एक तरफ जहां पाकिस्तान जाधव की रिहाई के पक्ष में फैसला नहीं आने पर अपनी जीत का दावा कर रहा है, वहीं वह यह स्पष्ट रूप से भूल गया है कि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में भारत द्वारा दिए गए क्लॉज में से एक यह भी है कि अगर जाधव को रिहा नहीं किया जाता है, तो पाकिस्तान सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई मौत की सजा पर रोक लगाई जाए और इस प्रकार यह निर्णय पाकिस्तान के पक्ष में न जाकर भारत के पक्ष में है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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