पाकिस्तानियों की राय, कोरोना के खतरे को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है

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इस्लामाबाद, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। पूरी दुनिया में दो लाख से अधिक लोगों को देखते ही देखते मौत की नींद सुला देने वाली बीमारी कोविड-19 को अधिकांश पाकिस्तानी बहुत बड़ा खतरा नहीं मानते। एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि हर पांच में से तीन पाकिस्तानी का यह मानना है कि कोरोना वायरस जितना बड़ा खतरा है, उससे कहीं अधिक बढ़ा चढ़ाकर इसे पेश किया जा रहा है।

पाकिस्तान में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। मंगलवार शाम तक देश में कोरोना के 14504 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं और 312 लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह बीमारी देश में और गंभीर रूप ले सकती है।


इसके बावजूद, गैलप संस्था के एक सर्वे में पता चला कि मार्च के बाद से हर पांच में से तीन पाकिस्तानी को ऐसा लगा है कि कोरोना वायरस के खतरे को काफी बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा है।

सर्वे में सवाल पूछा गया था, “कृपया बताएं कि आप इस बात से कितने सहमत या असहमत हैं कि कोरोना वायरस के खतरे को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है।”

जवाब में 60 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इससे सहमत हैं कि इस खतरे को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। जबकि, 38 फीसदी लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं है, खतरा जितना बड़ा है, उसे इसी तरह से पेश किया गया है।


सर्वे में पता चला कि राष्ट्रीय औसत भले 60 फीसदी हो लेकिन बलूचिस्तान प्रांत में तो 89 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना का खतरा कोई इतना बड़ा नहीं है जितना इसे बताया जा रहा है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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