पानी के बंटवारे का मुद्दा केंद्रीय परिषद में उठाएं अधिकारी : केसीआर

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हैदराबाद, 30 सितंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कल्बकुंतल चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने अधिकारियों से कहा है कि वे 6 अक्टूबर को कृष्णा और गोदावरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच होने वाली केंद्रीय परिषद की बैठक के दौरान राज्य का मुद्दा उठाएं।

केसीआर ने कहा कि इस मामले में केंद्र कुछ भी नहीं कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तेलंगाना में पानी के आवंटन पर पूर्ण स्पष्टता मिलने तक अपनी मांग पर डटे रहें। इसके साथ ही अधिकारियों को तेलंगाना की मांग के समर्थन में सभी तर्क जुटाने के लिए भी कहा है।


इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने गुरुवार को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें एपेक्स काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रणनीति पर चर्चा होगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके हवाले से एक बयान में कहा, “आंध्र प्रदेश नदी के पानी के बंटवारे पर जानबूझकर विवाद पैदा कर रहा है। हमें एपेक्स काउंसिल की बैठक में आंध्र की दलीलों का जवाब देना होगा। साथ ही मुद्दों को ऐसी स्पष्टता से रखें कि दोबारा आंध्र प्रदेश इन मुद्दों को न उठाए। पूरे देश को इन तथ्यों के बारे में बताने के लिए एपेक्स काउंसिल की बैठक का उपयोग करें।”

उन्होंने कहा कि राज्यों के द्विभाजन अधिनियमों के तहत, जब भी कोई नया राज्य बनता है तो उसे उसका पानी का हिस्सा आवंटित किया जाना चाहिए।


उन्होंने कहा, “2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य के गठन के बाद हमने 14 जून 2014 को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के लिए पानी आवंटित करने का अनुरोध किया था। लेकिन 7 साल बाद भी मसला वहीं का वहीं है। केंद्र इस मामले में कुछ भी नहीं कर रहा है।”

एपेक्स काउंसिल की बैठक दो बार स्थगित हो चुकी है। आखिरी बार 25 अगस्त को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कोरोना पॉजिटिव आने के कारण बैठक रद्द करनी पड़ी थी। मंत्री आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत गठित सर्वोच्च परिषद के अध्यक्ष हैं।

उससे पहले शीर्ष परिषद की बैठक 5 अगस्त को निर्धारित की गई थी, लेकिन तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर स्थगित कर दी गई थी।

–आईएएनएस

एसडीजे/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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