गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर रख दिया है। 40 से ज्यादा जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई। जिसमें फैसला लिया गया है कि पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्ज छीन लिया जाएगा।आज दिल्ली में बैठक के बाद स्वयं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन और वित्तमंत्री अरूण जेटली मीडिया के सामने आकर यह बयान दिया।
उन्होंने कहा, जवानों की शहादत देश के लिए बड़ा सदमा है। बैठक में सभी जरूरी मुद्दों पर बात हुई। साथ ही यह तय किया गया कि पाकिस्तान को दुनिया के हर मोर्चे पर अलग-थलग करने के लिए काम करेगी। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पूरा देश गुस्से से खौल रहा है और आतंकवादियों ने बड़ी गलती कर दी है, इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस हमले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी निंदा हो रही है। अमेरिका, इजरायल, भूटान, चीन और कई देशों ने कहा है कि वह इस घड़ी में भारत के साथ हैं।
क्या होता है मोस्ट फेवर्ड नेशन
दरअसल, एमएफएन (MFN) का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीह दी जाने वाला देश। विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है। यानि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा मिलने वाले देश को व्यापार संबंधी सुविधाएं मिल जातीं हैं। मसलन, पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है। वहीं मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा लेने वाला देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। आसान भाषा में कहें तो पाकिस्तान को इस बात का भरोसा था कि किसी भी हालात में आर्थिक मोर्चे पर भारत नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
आर्थिक मोर्चे पर भारत-पाकिस्तान
दोनों देशों के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार होता है। दिसंबर 2018 में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2 अरब डॉलर (14 हजार करोड़ रुपये) का कारोबार हो रहा है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि दोनों देशों के बीच व्यापार 37 अरब डॉलर (2.62 लाख करोड़ रुपये) तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं एसोचैम के मुताबिक पाकिस्तान के साथ होने वाला व्यापार भारत के कुल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 0.41% है। वहीं अगर भारत में होने वाले आयात में से पाकिस्तान से होने वाला आयात महज 0.13 फीसदी है।
जानें क्या होगा असर
पाकिस्तान इस समय बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और भारत के साथ उसका अच्छा खासा व्यापार होता रहा है। सीमा पर तनाव के बावजूद व्यापार पर कुछ असर नहीं पड़ता रहा है। इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक चोट पहुंचनी तय है। लेकिन एक पक्ष यह भी कहता है कि भारत अगर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे। ऐसे में घाटा भारत को हो सकता है लेकिन पुलवामा के हमले बाद ऐसा लग रहा है कि भारत आर्थिक नुकसान सहकर पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं है।
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