पंकज उधास मना रहे अपना 68वां जन्मदिन, ग़ज़ल ‘चिट्ठी आई है’ से बनाई थी अपनी अलग पहचान

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पंकज उधास मना रहे अपना 68वां जन्मदिन, ग़ज़ल 'चिट्ठी आई है' से बनाई थी अपनी अलग पहचान

पंकज उधास एक ऐसे गायक हैं, जिन्होंने ग़ज़ल गायकी को एक नई पहचान दिलाई। उनकी ग़ज़ल ‘चिठ्ठी आई है’ काफी प्रसिद्ध हुई जिसे आज भी उतना ही पसंद किया जाता है। कई दशकों तक अपनी ग़ज़लों से सभी के दिल पर राज करने वाले पंकज उधास आज अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं।

पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के पास स्थित जेटपुर में हुआ था। उनके बड़े भाई मनहर उधास भी जाने-माने प्लेबैक सिंगर हैं। वहीं दुसरे भाई निर्मल उधास भी एक ग़ज़ल गायक हैं। घर में संगीत के माहौल के कारण पंकज की संगीत में रुचि बचपन से ही थी। पंकज उधास ने शुरूआती शिक्षा बीटीपीआई भावनगर से की और आगे की शिक्षा मुंबई के सेंट ज़ेवियर कॉलेज से पूरी की।


पंकज ने अपना पहला स्टेज शो उस दिन किया, जब भारत और चीन का युद्ध हुआ। इस शो में उन्होंने ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गीत से सभी की आंखों में पानी ला दिया। इसके बाद वह राजकोट की संगीत नाट्य अकादमी से जुड़ गए और तबला बजाना सीखने लगे। पढ़ाई के साथ साथ ही उन्होंने संगीत को जारी रखा और 1980 अपनी पहली एल्बम ‘आहट’ रिलीज किया। इसके बाद पंकज ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर जानिए उनके बारे में कुछ खास बातें।

पंकज उधास से जुड़ी कुछ खास बातें

1. पंकज ने महज सात साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। पंकज के इस हुनर को पहचानते हुए उनके बड़े भाई मनहर ने उन्हें गायकी के लिए प्रेरित किया। उनके भाई मनहर स्टेज आर्टिस्ट थे, जिसके कारण पंकज ने अपना पहला स्टेज शो किया था।

2. उन्होंने अपना फिल्मी करियर 1972 में आई फिल्म ‘कामना’ से शुरू किया। इसके बाद गजल गायक बनने के उद्देश्य से उन्होंने उर्दू की तालीम हासिल करनी शुरू कर दी। पंकज उधास ने लगभग दस महीने तक टोरंटो रेडियो और दूरदर्शन में गाना गाया।


3. पंकज ने अपनी पहली एल्बम ‘आहट’ को उन्होंने खुद बनाया था। इस के बाद उन्होंने ‘मुक्करर’ और ‘तरन्नुम’ जैसे कई और एल्बम बनाए।

4. पंकज उधास को सबसे ज्यादा पहचान उनकी ग़ज़ल ‘चिठ्ठी आई है’ ने दिलाई। 32 साल पुरानी इस ग़ज़ल को आज भी उतना ही पसंद किया जाता है। इस ग़ज़ल को पंकज ने अपनी आवाज़ दी थी। वहीँ म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने इसे संगीत दिया।

5. साल 1986 में आई फिल्म ‘नाम’ में पकंज की इस ग़ज़ल ने चार चांद लगा दिए। इस ग़ज़ल में पंकज की बेहतरीन आवाज़ के साथ फिल्म की कास्ट ने स्क्रीन अपीयरेंस से इस ग़ज़ल को अमर बना दिया।

6. पंकज उधास की निजी ज़िन्दगी की बात करें तो उन्होंने 70 के दशक में पहली बार एयरहोस्टेस फरीदा को देखा और पहली नजर में ही उन्हें दिल दे बैठे। दोनों में दोस्ती हुई और दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। पंकज उधास की दो बेटियां भी हैं।

7. पकंज ने कई बेहतरीन ग़ज़लें गायी जिनमें चिठ्ठी आई है, थोडी़-थोडी़ पिया करो, एक तरफ उसका घर और दुख-सुख ता उसका आदि गजलें उनकी पहचान बन गई।

8. फिल्म ‘नाम’ के बाद पंकज उधास को कई फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग की। इन फिल्मों में गंगा जमुना सरस्वती, बहार आने तक, थानेदार, साजन, दिल आश्ना है, फिर तेरी कहानी याद आई, ये दिल्लगी, मोहरा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, मझधार, घात और ये है जलवा आदि प्रमुख हैं।

9. उन्होंने फिल्मों में गाने के साथ- साथ खुद के कई एल्बम भी बनाए। उनके प्रसिद्ध एलबम्स में आहट, नशा, मेहफिल, महक, नाबील, नायाब और रुबाई आदी शामिल हैं।

10. पकंज को गायकी में उनके महान प्रदर्शन के लिए वर्ष 2006 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान उनकी ग़ज़ल ‘चिठ्ठी आई है’ के लिए दिया गया था।

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