बिहार में आम लोगों के लिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। इसके लिए अब लोगों को थाने का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
अब इसके लिए ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा। अब सभी थानों में एक टैब और विशेष तरह का एप्लिकेशन अपलोड कर के दिया गया है। इस एप का नाम है एम-पासपोर्ट वेरिफिकेशन एप। इस एप का लोकार्पण गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और नये डीजीपी एसके सिंघल ने किया।
पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में में इस एप को लॉन्च किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राज्य के एक हजार 308 थानों में इस विशेष टैब को मुहैया करा दिया गया है। पुलिसकर्मियों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी कुछ वक्त के लिए अतिथि के रूप में मौजूद थे।
इस एप के जरिए पुलिस पासपोर्ट सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होगी। आवेदकों की पहचान, नागरिकता और उसके आपराधिक इतिहास का इसके जरिए पता लगाया जायेगा। यह विदेश मंत्रालय का एक प्रोजेक्ट है।
इओयू के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस एप के बारे में कहा कि, “इस एप के माध्यम से थानों के सत्यापन अधिकारी डिजिटल तरीके से आवेदकों के फोटो और पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेज सकेंगे। इसके जरिये व्यक्तिगत विवरण फॉर्म को डाउनलोड करना तथा प्रिंट करने का कोई झंझट नहीं होगा। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जायेगी।
एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि 2015 में बिहार पुलिस को पासपोर्ट सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी करने में 69 दिन लगते थे। फिर 2016 में यह घटकर 45 दिन, 2017 में 33 दिन, 2018 में 24 दिन और 2019 में यह 20 दिन हो गया, परंतु अब इस एप की मदद से कुछ दिनों में ही यह संपन्न हो जायेगी।