Pitru Paksha 2020 Date: हर साल पितृ पक्ष के समापन के ठीक अगले दिन से नवरात्र का शुरू हो जाते है। पितृ अमावस्या के अगले दिन से प्रतिपदा के साथ शारदीय नवरात्र (Navratri 2020) का आरंभ हो जाता है। लेकिन, इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही अधिमास भी लग जाएगा।
अधिमास लगने से नवरात्र और पितृपक्ष के बीच तकरीबन एक महीने का अंतर आ जाएगा। अश्विन मास में मलमास लगना और एक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजा आरंभ होना, ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है। इसलिए इस बार श्राद्ध पक्ष अपने आप में खास होंगे।
इस साल पितृपक्ष 2020 1 सितंबर से शुरू होकर 17 सिंतबर तक चलेगा। सभी श्राद्ध कर्मकांड इसी दौरान किए जाएंगे और साथ ही पितरों को तर्पण भी किया जाएगा। इस वक़्त ज्यादातर लोग अपने-अपने पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान इस दौरान करते हैं ताकि पितरों का आशीर्वाद उन पर बना रहे।
जानें क्या होता है अधिमास
एक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब छह घंटे का होता है। एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। यह अंतर हर तीन वर्ष में लगभग एक माह के बराबर हो जाता है और इसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अतिरिक्त आता है, जिसे अतिरिक्त होने की वजह से अधिमास का नाम दिया गया है।
पांच महीने का होगा चातुर्मास
दरअसल ऐसा लीप वर्ष होने के कारण हो रहा है। चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा। 165 साल बाद लीप इयर और अधिमास दोनों ही एक साल में हो रहे हैं। चातुर्मास लगने से विवाह, मुंडन और कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
इस काल में पूजन पाठ, व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व होता है। एक मान्यता के मुताबिक इस समय देव सो जाते हैं। फिर देवउठनी एकादशी के बाद ही देव जागृत होते हैं। इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे। इसके ठीक अगले दिन अधिमास शुरू हो जायेगा, जो 16 अक्तूबर तक चलेगा. इसके बाद 17 अक्तूबर से नवरात्रि व्रत रखे जाएंगे।