PM CARES Fund को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने मोदी सरकार को भेजा नोटिस, 2 हफ्ते में मांगा जवाब

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग लड़ रही सरकार को आर्थिक मदद करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक फंड की घोषणा की थी। इसका नाम है PM CARES फंड। पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) की पारदर्शिता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब PM CARES फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और कैग से ऑडिट ( CAG Audit ) कराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) ने नोटिस जारी किया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील बी शुक्रे और अनिल ए किलोर की नागपुर पीठ ने इस संबंध में एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने यह आदेश नागपुर के वकील अरविंद वाघमारे ( Advocate Arvind Waghmare ) की याचिका पर दिया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में 2 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह वकील द्वारा दायर याचिका, जिसमें PM CARES Fund को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा ऑडिट करवाए जाने और इस फंड में आए धन की जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग की गई है, के जवाब में हलफनामा दायर करे। नोटिस केंद्र सरकार और फंड के ट्रस्टियों को भेजा गया है।


जानकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ( ADG Anil Singh ) ने बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ से कहा कि ये याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए। चूँकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट ( Suprem Court ) ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड की वैधता को चुनौती देने वाले दो अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि इस याचिका में अलग मुद्दा उठाया गया है। ये सुप्रीम कोर्ट वाले मामले से अलग है।

दरअसल, पीएम केयर्स फंड को लेकर वकील अरविंद वाघमरे की याचिका में कहा गया है कि 28 मार्च को पीएम केयर्स का गठन किया गया था। पहले हफ्ते में ही इसमें 6,500 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए थे। लेकिन अभी तक इससे संबंधित कोई भी आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है।

ज्ञात हो कि पीएम केयर्स फंड की गाइडलाइन के मुताबिक अध्यक्ष और तीन अन्य ट्रस्टी के अलावा अध्यक्ष को तीन और ट्रस्टी को नॉमिनेट करना होता है। 28 मार्च से अब तक में कोई नियुक्ति नहीं की गई है। याची वाघमारे ने हाईकोर्ट से ये निर्देश देने की मांग की है कि इस ट्रस्ट में विपक्षी दलों के कम से कम दो लोगों की नियुक्ति की जाए ताकि फंड की पारदर्शिता बनी रहे। इसके अलावा याची ने किसी स्वतंत्र ऑडिटर के बजाय पीएम केयर्स फंड की ऑडिटिंग कैग से कराने की मांग की है।


गौरतलब है कि मोदी सरकार पीएम केयर्स फंड को लेकर काफी गोपनीयता बरत रही है। सूचना अधिकार ( आरटीआई ) आवेदनों को इस आधार पर खारिज कर दिया जा रहा है कि पीएम केयर्स आरटीआई एक्ट, 2005 ( RTI Act 2005 ) के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है। भारत सरकार ने पीएम केयर्स फंड नाम का एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट ( Charitable Trust ) बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष हैं और गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं।


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