लोकसभा चुनाव 2019 शुरू होने में सिर्फ दस दिन बचे हैं। राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की सूरत सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा की गुजरात इकाई की ओर से मांग की जा रही है कि राज्य में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मोदी को वाराणसी के अलावा सूरत सीट से भी दावेदारी पेश करनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक गुजरात के स्थानीय नेताओं का कहना है कि सूरत से पीएम मोदी के लड़ने से कांग्रेस के बढ़ते जनाधार को रोका जा सकेगा। ज्ञात हो कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को 99 सीटों पर रोक दिया था, जबकि अपने प्रदर्शन में 16 सीटों की वृद्धि करते हुए 77 सीटें हासिल की थी।
आपको बता दें कि सूरत गुजरात में ऐसा शहर है, जहां कई राज्यों के लोग न केवल कारोबार करते हैं, बल्कि बसे हुए भी हैं। पाटीदार आंदोलन के समय सूरत के कई इलाकों में बीजेपी नेताओं को जनाक्रोश का सामना करना पड़ा था। इसलिए बीते एक साल में केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने सूरत में हजारों-करोड़ों की कई परियोजनाएँ शुरू कीं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक 5 बार सूरत आ चुके थे।
मोदी ने सूरत के लिए कई बार कहा है कि अगर मैं यहां आता हूं तो मुझे घर जैसा महसूस होता है। सूरत मेरा परिवार है। ऐसे बयान और अंदरखाने की चर्चाओं की वजह से अब यह संकेत मिल रहे हैं कि मोदी बनारस के अलावा चुनाव में सूरत से भी दावेदारी कर सकते हैं। इसके अलावा हाल ही में पीएम मोदी के भाई सोमभाई मोदी ने सूरत में एक सम्मेलन का आयोजन किया था। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पहुंचे थे।
गौरतलब है कि 2014 के आमचुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने वड़ोदरा के साथ-साथ वाराणसी संसदीय सीटों पर जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने वाराणसी सीट अपने पास रखी थी। वड़ोदरा से रंजनबेन धनंजय भट्ट सांसद हैं। इस बार भी वह इसी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। फिलहाल 2019 लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी से नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी घोषित की जा चुकी है और 25 अप्रैल को वह नामांकन भी दाखिल करने जा रहे हैं।
भाजपा ने सूरत सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा अब तक नहीं की है। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होंगे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार अप्रैल है।