कोरोना वायरस के चलते देश में लगे लॉकडाउन (Lockdown) के लिए लोगों को तरह-तरह की कीमत चुकानी पड़ रही है। कोई भूखमरी से जूझ रहा है तो कोई अपनों से मिलने के लिए तरस रहा है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान सांप्रदायिक घटनाएं भी बड़ी हैं। कभी साधुओं को निशाना बनाया जाता है तो कभी मौलवी-मुफ्ती की हत्या कर दी जाती है। इसी लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र में दो साधु समेत एक ड्राइवर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। अब उत्तर प्रदेश के शामली जिले में रहने वाले एक मुफ्ती की हत्या कर उसका शव (Deadbody) जलाने की शर्मनाक घटना सामने आने से जिले में सनसनी फैल गई है।
पिछले हफ्ते परिवार ने मुफ्ती (Mufti) की गुमशुदगी की तलाश के लिए पुलिस में रिपोर्ट (Report) लिखवाई थी। जिसके बाद पुलिस ने अपनी खोजबीन में एक हफ्ते बाद यानी 22 अप्रैल को यमुना नदी से उसका जला हुआ शव बरामद किया है। पुलिस (Police) ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया है और मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है।
खबरों के मुताबिक, शामली के कैराना में 16 अप्रैल को बाजार में सामान की खरीदारी करने गए मरदसे (Madarsa) के प्रबंधक बाइक सहित लापता थे। इस दौरान उनकी काफी तलाश की गई, लेकिन पता नहीं चल पाया। जिसके बाद मुफ्ती के परिजनों ने कैराना कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने खोजबीन (Investigation) की लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जामा मस्जिद (Jama Masjid) के शाही इमाम मौलाना ताहिर हसन ने एसपी विनीत जयसवाल से मिलकर मुफ्ती को जल्द बरामद करने की गुजारिश की था। इसके मामले को और गंभीरता से लेते हुए पुलिस को 22 अप्रैल को मुफ्ती का यमुना नदी से जला हुआ शव बरामद किया।