मध्य प्रदेश: लोकगायक प्रह्लाद टिपानिया को कांग्रेस ने क्यों दिया टिकट?

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मध्य प्रदेश: लोकगायक प्रह्लाद टिपानिया को कांग्रेस ने क्यों दिया टिकट?

कांग्रेस ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश के कुछ लोकसभा उम्मीदवारों के नाम घोषित किये। देवास लोकसभा सीट के लिए पार्टी ने पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त एवं कबीरपंथी लोक गायक प्रह्लाद टिपानिया पर भरोसा जताया है। 66 वर्षीय प्रह्लाद सिंह टिपानिया मूलत: उज्जैन जिले के एवं शाजापुर जिले से जुड़े ग्राम लूणियाखेड़ी के रहने वाले हैं।

इससे पहले टिपानिया का रिश्ता कभी राजनीति से नहीं रहा है। वह एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और अपने गांव लूणियाखेड़ी में बने कबीर आश्रम के महंथ हैं। पूरे इलाके में उनकी लोकप्रियता किसी रॉकस्टार से कम नहीं है। कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी उनकी करीबी रही है। इसलिए शाजापुर, देवास व आगर के कई युवा नेताओं के बदले टिपानिया को तरजीह दी गयी है।टिकट मिलने के बाद टिपानिया ने कहा कि सेवा करने का मौका मिला है और सेवा करने के उद्देश्य से ही चुनाव लड़ेंगे। विकास कार्यों को कराने की पहली प्राथमिकता रहेगी। सभी के सहयोग से चुनाव लड़ूंगा।


अमेरिका समेत कई देशों में दे चुके हैं प्रस्तुति

टिपानिया ने अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रुप में की थी। वर्ष 2011 में भारत सरकार ने इन्हें कबीर भजनों की अपनी विशिष्ट गायन शैली के लिए पद्मश्री अवार्ड से सम्मनित किया था। वे अमेरिका समेत कई देशों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। लूणियाखेड़ी में हर साल कबीर महोत्सव आयोजित होता है। एक बार अमेरिका में ढाई महीने तक करीब 35 कार्यक्रमों की प्रस्तुति विभिन्न शहरों में दी थी। जिसे वहां लोगों ने काफी सराहा था।

देवास से ही टिकट क्यों

बता दें कि देवास की सीट 2007 के परिसीमन के बाद बनी है। दलित समुदाय के लिए सुरक्षित इस सीट से 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सज्जन वर्मा चुनाव जीत चुके हैं। 2014 में यहां से बीजेपी के मनोहर उतवाल को जीत हासिल हुई थी। इस सीट पर दलित समाज के वोट निर्णायक भूमिका में हैं। प्रह्लाद टिपानिया इसी समुदाय से आते हैं। देवास लोकसभा में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। सभी विधानसभा सीटों में कबीर पंथ के अच्छे-खासे अनुयायी हैं।

भाजपा में हलचल

देवास सीट से कांग्रेस का टिकट तय होने से भाजपा खेमे में भी हलचल शुरू हो गयी है। संभावित नामों को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो चुका है। शाजापुर के साथ ही देवास-उज्जैन के नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन भाजपा में टिकट की बाजी कौन मारेगा, यह घोषणा के बाद ही पता चल सकेगा।


गुरुवार को जब टिपानिया की टिकट फाइनल हुई तो सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने यलिखा कि अब टिपानियाजी कांग्रेस की गाड़ी हांकेंगे। दरअसल, ‘जरा हल्के गाड़ी हांको”… टिपानिया का प्रसिद्ध भजन है। इसे लेकर उन्हें काफी ख्याति मिली है।

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