नई दिल्ली| पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी दिवंगत नानाजी देशमुख और गायक-गीतकार-संगीतकार व फिल्मकार दिवंगत भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की इन तीन गणमान्य हस्तियों को भारत रत्न प्रदान करने की घोषणा की है।
सम्मान की घोषणा के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘भारत के लोगों के प्रति विनम्रता और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मैं इस महान सम्मान को स्वीकार करता हूं। देशवासियों ने मुझे शुभकामनाएं दीं। मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मैंने अपने महान देश के लोगों को जितना दिया है, उससे अधिक मुझे मिला है।’
It is with a deep sense of humility and gratitude to the people of India that I accept this great honour #BharatRatna bestowed upon me. I have always said and I repeat, that I have got more from the people of our great country than I have given to them.#CitizenMukherjee
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) January 25, 2019
कौन हैं प्रणब मुखर्जी
कांग्रेस के पुराने और कद्दावर नेताओं में शुमार प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। अपने पांच दशकों के राजनीतिक जीवन में वह कई अहम पदों पर रहे। यूपीए सरकार में वह रक्षा, विदेश और वित्त मंत्री थे।
कौन हैं नानाजी देशमुख
चंडिकादास अमृतराव देशमुख को नानाजी देशमुख के नाम से भी जाना जाता है। नानाजी देशमुख को एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है। वह आरएसएस और जनसंघ के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में काम किया। भारत रत्न से पहले उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
कौन हैं भूपेन हजारिका
भूपेन हजारिका, असम के जाने-माने गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे। उन्होंने असम और पूर्वोत्तर भारत के संस्कृति और लोक संगीत को हिंदी सिनेमा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। हजारिका को 1975 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), पद्मश्री (1977), और पद्मभूषण (2001) से सम्मानित किया गया था।
क्या है भारत रत्न सम्मान
1954 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान की शुरुआत की गई थी। भारत रत्न सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इसकी स्थापना तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। शुरुआत में इसे मरणोपरांत नहीं देने का प्रावधान था, लेकिन 1995 में इस प्रावधान को बदला गया था।
अब तक के भारत रत्न
इससे पहले 2015 में मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। अब तक सी राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चन्द्रशेखर वेंकटरमन, भगवान दास, एम विश्वेश्वरैया, जवाहर लाल नेहरू, गोविन्द बल्लभ पन्त, धोंडो केशव कर्वे, बिधान चंद्र रॉय, पुरुषोत्तम दास टंडन, राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, पांडुरंग वामन काणे, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, वीवी गिरि, के. कामराज, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान, एम जी रामचन्द्रन, बी आर अम्बेडकर, नेल्सन मंडेला, राजीव गांधी, वल्लभ भाई पटेल, मोरारजी देसाई, अबुल कलाम आजाद, जे आर डी टाटा, सत्यजित राय, गुलजारी लाल नंदा, अरुणा आसफ अली, ए पी जे अब्दुल कलाम, एम एस सुब्बुलक्ष्मी, चिदम्बरम सुब्रमण्यम, जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, गोपीनाथ बोरदोलोई, रवि शंकर, लता मंगेशकर, बिस्मिल्लाह खान, भीमसेन जोशी, सी एन आर राव, सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से नवाजा गया है।
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