बिहार: शुरू हुआ प्रशांत किशोर का ‘बात बिहार की’ अभियान, सात घंटे में 3 लाख से ज्यादा लोग जुड़े

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बिहार: शुरू हुआ प्रशांत किशोर का 'बात बिहार की' अभियान, सात घंटे में 3 लाख से ज्यादा लोग जुड़े
  • प्रशांत किशोर के ‘बात बिहार की’ अभियान की शुरुआत
  • www.baatbiharki.in पर 3 लाख से अधिक लोगों ने किया रजिस्टर

बिहार में चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (JDU) से निष्कासित नेता प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ अभियान की आधिकारिक शुरुआत कर दी है। प्रशांत किशोर के इस अभियान की शुरुआत में ही लगभग 3 लाख से ज्यादा लोग उनसे जुड़ गए हैं। प्रशांत किशोर के इस अभियान की शुरुआत www.baatbiharki.in वेबसाइट लॉन्च होने के साथ ही हो गई। गुरुवार को इस वेबसाइट को लॉन्च किया गया है। वेबसाइट पर बिहार के तमाम मुद्दों और उससे जुड़ी प्रमुख खबरों और आंकड़ों को जगह दी गई है।

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प्रशांत किशोर के इस अभियान से जुड़ने के लिए www.baatbiharki.in पर जाकर रजिस्टर किया जा सकता हैं। इसके अलावा कोई व्यक्ति मोबाइल नम्बर 6900869008 पर मिस्ड कॉल दे सकता है। इस समाचार के लिखे जाने तक 3,32,851 लोग इस वेबसाइट पर रजिस्टर कर चुके हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी ‘आई-पैक’ का कहना है कि वो हर सप्ताह इस अभियान से जुड़े लोगों का आंकड़ा भी पेश करेगी।


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प्रशांत किशोर ने 18 फ़रवरी को पटना में प्रेस वार्ता आयोजित कर ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम की जानकारी दी थी। प्रशांत किशोर ने कहा कि कार्यक्रम से जुड़कर, समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं, जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के टॉप 10 राज्यों में लाकर उसे उसका सही सम्मान देना चाहते हैं। पीके ने इस अभियान के जरिये अगले 100 दिनों में एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। हालाँकि। प्रशांत किशोर ने कहा है कि वो बिहार में न तो किसी राजनीतिक दल के लिए काम करेंगे और न ही किसी गठबंधन में शामिल होंगे और न कोई पार्टी बनाएंगे।

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बता दें कि अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग नीतियों वाली पार्टियों के लिए चुनाव प्रबंधन कर चुके प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने ‘पितातुल्य’ बताया था और कहा था कि उनका हर फैसला मंजूर है। हालांकि तुरंत बाद वे नीतीश सरकार के 15 साल के शासन की कमियां गिनाने लगे। यह भी पूछा कि नीतीश गोडसे के समर्थकों के साथ क्यों हैं?


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