हैदराबाद, 27 सितंबर (आईएएनएस)| भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए जहां एक ओर तैयार है, वहीं इसी क्रम में बिरद राजाराम याज्ञिक प्रौद्योगिकी की भाषा के माध्यम से ‘राष्ट्रपिता’ के संदेश को फैलाने के अपने सतत प्रयास में पेरिस और रूस की यात्रा कर रहे हैं।
पेरिस और रूस में हैदराबाद के डिजिटल क्यूरेटर और लेखक संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में विशेष कार्यक्रमों का हिस्सा होंगे।
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट, यूनेस्को ‘अहिंसा’ पर प्रत्येक साल लेक्चर करवाता है। इस वर्ष यह गांधीजी और शिक्षा पर उनके विचारों के बारे में पैनल चर्चा का आयोजन करेगा।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “इस साल हम कुछ बेहद खास करने वाले हैं। गांधी जी होलोग्राम के माध्यम से जनता के समक्ष आएंगे और उनसे बात करेंगे।”
महात्मा गांधी डिजिटल म्यूजियम (एमजीडीएस) रूस में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी कर रहा है। बिरद याज्ञिक यहां क्यूरेटर हैं। एमजीडीएम का यह कार्यक्रम प्रसिद्ध लेखक लियो टॉल्सटॉय और महात्मा गांधी के बीच अनूठे संबंधों पर केंद्रित होगा।
गांधी पर कुछ किताबें लिख चुके बिरद याज्ञिक ने बताया कि जब दो महान हस्तियों के बीच पत्रों का आदान-प्रदान हुआ था, तो टॉल्सटॉय लगभग 80 साल के थे, जबकि महात्मा गांधी लेखक की उम्र के आधे थे।
उन्होंने कहा, “लेकिन उनके विचार समान थे, जिन्हें दो पहलुओं में समझा जा सकता है- मानवता के लिए प्यार और सच्चाई की सर्वोच्च शक्ति।”
बिरद याज्ञिक ने अपनी इनोवेटिव किताबों, संवादात्मक वार्ता और क्यूरेटेड एक्सपीरिएंस डिजिटल म्यूजियम के माध्यम से महात्मा गांधी के संदेश को दुनिया भर में फैलाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। युवाओं को लेकर वह खासा कोशिशें कर रहे हैं, उनके प्रयासों के केंद्र में युवा हैं।