प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत अब तक बने 88 लाख मकान

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 नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी) के तहत अब तक 88 लाख से ज्यादा मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

 यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी। ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक सबको आवास मुहैया करवाने के मकसद से पूर्व की इंदिरा आवास योजना को एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी) के रूप में पुनर्गठित किया गया है और इस योजना के तहत 2022 तक दो चरणों में 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।


लोहरदगा से सांसद और केंद्र सरकार में जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत के सवाल का जवाब देते हुए तोमर ने बताया कि इस योजना के पहले चरण (2016-17 से 2018-19) के दौरान कुल 99,99,122 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 85,70,509 मकान बनाए जा चुके हैं।

दूसरे चरण के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 51, 05, 396 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिनमें छह दिसंबर तक 2,56,852 मकान बनाए जा चुके हैं। इस प्रकार, पीएमएवाई-जी के तहत कुल 88,27,361 मकान बनाए जा चुके हैं।

भगत ने अपने सवाल में ग्रामीण विकास मंत्री से पीएमएवाई-जी के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की जानकारी मांगी थी।


इसके जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्वोत्तर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमएवाई-जी के तहत मकान बनाने की रफ्तार इस साल काफी सुस्त रही है।

आंकड़ों के अनुसार, दूसरे चरण के दौरान 2019-20 में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और नागालैंड में पीएमएवाई-जी के तहत एक भी मकान का निर्माण नहीं हुआ है जबकि असम में लक्षित दो लाख में से सिर्फ 660 और त्रिपुरा में 28,838 में से 292 मकान बने हैं। वहीं, अंडमान निकोबार, दादर और नागर हवेली, दमन दीव, लक्षद्वीप, लद्दाख और पुडुचेरी में भी कोई मकान इस साल नहीं बना है। इसके अलावा, गोवा, हरियाणा, आंध्रप्रदेश समेत कुछ अन्य प्रदेशों में भी पीएमएवाई-जी के तहत इस साल कोई मकान नहीं बना है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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