प्रधानमंत्री ने गोवा खनन गतिरोध को लेकर चिंता जताई

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पणजी, 6 फरवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा माइनिंग पीपुल्स फ्रंट (जीएमपीएफ) के प्रतिनिधियों और सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य में खनन गतिरोध को लेकर कानून के तहत एक हल निकालने की कोशिश करेगी। दक्षिण गोवा के सांसद नरेंद्र सवाईकर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में मोदी से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि मामले का हल निकालने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई।”


भाजपा गोवा इकाई के प्रवक्ता सवाईकर ने कहा कि गोवा प्रतिनिधिमंडल के साथ 10 मिनट की बैठक के दौरान, मोदी ने खनन गतिरोध को लेकर ‘अपनी चिंता जताई’।

सर्वोच्च न्यायालय ने बीते वर्ष फरवरी में गोवा में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद यह गतिरोध शुरू हुआ।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून के तहत हल निकाला जाएगा, क्योंकि यह स्थिति सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पैदा हुई है।”


प्रतिनिधिमंडल में सवाईकर के अलावा केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नायक, राज्य भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद विनय तेंदुलकर और जीएमपीएफ अध्यक्ष पुति गांवकर शामिल थे।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बीते वर्ष फरवरी में 88 खनन पट्टों से लौह अयस्क के खनन और ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध लगाने के बाद से यह मुद्दा गरमाया हुआ है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को दोबारा खनन पट्टे जारी करने के निर्देश दिए थे।

जीएमपीएफ पिछले कुछ हफ्तों से खनन बहाल करने को लेकर पक्ष में लोगों को जुटाने का काम कर रही है। इसके अलावा जीएमपीएफ ने अपनी मांग को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सांसदों पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक और इस संकट का हल निकालने का दबाव बढ़ाया था।

गोवा के खनन पट्टे कई विधानसभा क्षेत्रों तक फैले हुए हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में सफलता के लिए इन क्षेत्रों के मतदाताओं का समर्थन महत्वपूर्ण होगा।

गोवा में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पिछले महीने एक वीडियो कांफ्रेंस के दौरान, मोदी ने आश्वस्त किया था कि केंद्र सरकार इस खनन गतिरोध के लिए ‘न्यायिक हल’ तलाश रही है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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