Jharkhand: झारखंड में गरीब छात्रों के साथ हुई धोखाधड़ी, अकाउंट में फर्जीवाड़ा कर उड़ाए 23 करोड़

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Jharkhand: झारखंड के कल्याण विभाग में प्री मैट्रिक के अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप घोटाला उजागर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए लाभार्थियों के नाम के पैसे दूसरों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए।

दरअसल छात्रों के लिए वर्ष 2019-20 में केंद्र ने झारखंड को 61 करोड़ रुपये दिए थे। इनमें से करीब 23 करोड़ रुपये का हेरफेर कर किया गया। यहां उम्रदराज महिला एवं पुरुषों को 7वीं-8वीं का छात्र बताकर छात्रवृत्ति दी गई। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कई ऐसी जानकारियां दी हैं, जो हैरान करती हैं।


इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कैसे इतनी बड़ी रकम का गमन किया गया। पिछले महीने राज्य के छह जिलों में 15 स्कूलों को ट्रैक किया। जिसमें 30 से अधिक छात्रों, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों से लाभार्थियों की सूची की जांच करने के उद्देश्य से बात भी की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह सक्रिय है, जो पहले अल्पसंख्यक समुदाय के जरूरतमंद लोगों की खोज करता है। फिर ये गिरोह ऐसे लोगों को सऊदी अरब से मदद दिलाने के नाम पर उसके आधार कार्ड व बैंक खाते की जानकारी लेता है।

इसके बाद फर्जी तरीके से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल में स्कूल की मिलीभगत से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जमा करता है और बैंक में छात्रवृत्ति की राशि आने पर कुछ राशि उसे देकर बाकी रख लेता है। इसका खुलासा भारत सरकार को मिली शिकायत की हुई प्रारंभिक जांच में हुआ है।


फैजुल रजा मदरसा से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा

एक रिपोर्ट के मुताबिक फैजुल रजा मदरसा से छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़े का खेल सबसे पहले शुरू हुआ। बिचौलियों ने कई ऐसे लोगों को भी शामिल किया जो उम्र से चाचा-चाची, दादा हैं। अंजुमन कमेटी ने रामगढ़ डीसी को आवेदन दिया। दुलमी के बीईईओ सुरेश चौधरी व कल्याण पदाधिकारी आलोक मित्रा ने इसकी जांच की तो पता चला कि मदरसा तो डेढ़ साल से बंद है।

इसके अलावा धनबाद जिले के इंदिरा गांधी मेमोरियल हाईस्कूल में कुल छात्रों से ज्यादा स्कॉलरशिप दिखा दिया गया। इस स्कूल में सिर्फ तीन कमरे हैं और यहां 80 बच्चे ही पढ़ते हैं, लेकिन 2019-20 में यहां 323 बच्चों छात्रवृत्ति दी गई। यहहां कोई हॉस्टल नहीं है, फिर भी हॉस्टल होने की बात कह 323 गलत लोगों को छात्रवृत्ति मिली।

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