प्रिया के खिलाफ अकबर के मानहानि मुकदमे की सुनवाई अब 31 अक्टूबर को

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| यहां की एक अदालत ने गुरुवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एम.जे. अकबर के आपराधिक मानहानि मुकदमे को स्वीकार कर लिया है। अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप सबसे पहले प्रिया ने लगाया, उसके बाद और 19 महिला पत्रकारों ने ‘मी टू’ कहा है। अकबर को पीएमओ के कहने पर विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है। मानहानि मुकदमे पर संज्ञान लेते हुए, पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी ने मामले की सुनवाई को 31 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया, जब अभियोक्ता और उनके गवाहों के बयानों को दर्ज किया जाएगा।

अकबर ने अपने वकील के जरिए अदालत से कहा कि प्रिया रमानी के अपमानजनक बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और लोगों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।


‘द एशियन एज’ अखबार के संपादक रहे अकबर वर्ष 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे। कई महिला पत्रकारों ने उनके संपादक रहने के दौरान उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

अकबर ने इन आरोपों को ‘फर्जी और आधारहीन’ बताया है और कहा है, “झूठ के पांव नहीं होते।” उसके बाद प्रिया रमानी ने भी उन पर पलटवार करते हुए उनके ही शब्द दोहराए। उन्होंने दावा किया कि झूठ वह और उनके साथ अन्य 19 महिला पत्रकार नहीं बोल रही हैं, बल्कि खुद अकबर आरोपों को झुठलाने का प्रयास कर रहे हैं।

इस्तीफा देने की विपक्ष की मांग कई दिनों तक ठुकराने के बाद अकबर ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से संदेश मिलने के बाद विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह निजी क्षमता से कानूनी लड़ाई लड़ना चाहते हैं।


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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