पुराने कंप्यूटर के उपयोग से लघु उद्यमों को उत्पादन का नुकसान : शोध

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नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| जहां डिजिटलीकरण और स्वचालित यंत्रों ने लघु एवं मध्यम उद्योगों (एसएमबी) की काफी हद तक मदद की है, वहीं 10 में से तीन एसएमबी अभी भी पुरानी पीढ़ी के कंप्यूटरों का उपयोग कर रहे हैं जिससे उन पर साइबर खतरों की आशंका ज्यादा रहती है और उनका उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल की अधिकृत एसएमबी और मिड-मार्केट पर शोध करने वाली कंपनी ‘टेशाइल’ के अनुसार, चार साल से पुराने कंप्यूटरों के रखरखाव पर प्रति कंप्यूटर लगभग 1,279 डॉलर (लगभग 90,000 रुपये) की बड़ी रकम लग जाती है जो पुराने कंप्यूटर को तीन या इससे ज्यादा नए कंप्यूटरों से बदलने के लिए काफी है।

भारत में 5.1 करोड़ से ज्यादा एसएमबी हैं जो देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 फीसदी योगदान देता है। यह देश में 95 फीसदी उद्यमों का निर्माण करता है।


माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के कंज्यूमर एंड डिवाइसेज सेल्स की कंट्री जनरल मैनेजर प्रियदर्शी मोहापात्रा ने कहा, “अगर यह सेगमेंट उत्पादक और लाभकर्ता बन जाए तो वे वास्तव में जीडीपी बदलाव की दिशा निश्चित कर दें।”

सर्वेक्षण के दौरान देश के 21 शहरों के 556 एसएमबी का अध्ययन किया गया।

मोहापात्रा ने कहा, “ज्यादा एसएमबी के लिए कंप्यूटर उत्पादक इंजन होते हैं. जहां दिन-ब-दिन काम के लिए संस्थान की अधिकतर जिम्मेदारी उनके उपकरणों पर निर्भर होती है।”


अध्ययन के अनुसार, भारत में एसएमबी में उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटरों में 61 से ज्यादा पुरानी पीढ़ी के हैं।

इंटेल इंडिया के रिटेल निदेशक राहुल मल्होत्रा ने कहा, “नए कंप्यूटर कठिन काम कर सकते हैं और अपनी जिम्मेदारी बढ़ाने के साथ-साथ क्लाउड और मोबीलिटी सोल्यूशंस से अपनी क्षमता बढ़ा सकते हैं जिससे बेहतर सुरक्षा और डाटा सुरक्षा मिलती है तथा कुल रखरखाव के खर्चे में कमी आती है।”

वर्तमान तकनीक से सुसज्जित कार्यस्थल वाले एसएमबी में बेहतर उत्पादकता, कम लागत और बेहतर सुरक्षा होती है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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