पुरी के एयर इंडिया बंद होने वाले बयान ने कर्मचारियों का तोड़ा हौसला

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 नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में राज्यसभा में कहा कि अगर इस बार एयर इंडिया के निजीकरण की बोली विफल रहेगी, तो एयरलाइन बंद हो जाएगी।

  उनके इस बयान के बाद एयरलाइन का मनोबल तो टूटा ही है, वहीं, पीक सीजन में ग्राहकों के एयर इंडिया से दूरी बनाने की आशंका भी बढ़ गई है।


एयरलाइन का प्रदर्शन पहले ही हर महीने खराब होता जा रहा है। इसके खराब ऑन-टाइम प्रदर्शन (ओटीपी) से भी एयर इंडिया की तंगहाली देखी जा सकती है।

अगस्त के बाद से पिछले तीन महीनों में एयर इंडिया का ओटीपी बेंगलुरू, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर 60 फीसदी से नीचे रहा है। इसकी तुलना में निजी एयरलाइंस एयर एशिया इंडिया, गो-एयर और इंडिगो का ओटीपी 80 फीसदी तक दर्ज किया गया है।

एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन में सभी रैंक के कर्मचारी निराश हैं। उन्होंने खराब प्रदर्शन के लिए कम विमान उपलब्धता को भी जिम्मेदार ठहराया।


एयर इंडिया के कई कर्मचारियों ने बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि इससे पीक ट्रैवल सीजन में एयरलाइन के ग्राहकों में कमी आएगी। वहीं, इसका भारी वित्तीय प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

वायु निगम कर्मचारी संघ (एसीईयू) के महासचिव जे. बी. कादियान ने कहा, “बयान पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना है। हम इसकी निंदा करते हैं। कर्मचारियों का मनोबल पहले से ही टूट चुका है और इस तरह की हरकतें स्थिति को और भी बदतर कर देती हैं।”

एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि अगर एयरलाइन ठीक तरह से काम नहीं कर रही है और यह अपने आप बंद हो जाएगी तो मंत्री किसे धमकी देना चाहते हैं, कर्मचारियों को या निवेशकों को।

उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो यह काफी हतोत्साहित करने वाला है।”

बुधवार को राज्यसभा में मंत्री पुरी ने कहा था कि निजीकरण नहीं होने पर एयर इंडिया को बंद करना होगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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