बेरुत, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। लेबनान के स्पेशल ट्रिब्यूनल के एक ट्रायल चैंबर ने 2005 के बम विस्फोट में लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफिक अल-हरीरी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में हिजबुल्ला सदस्य सलीम जमील अय्याश को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अय्याश का ट्रायल शुक्रवार को किया गया।
हेग में स्थित यूएन समर्थित ट्रिब्यूनल ने 18 अगस्त, 2020 को सर्वसम्मति से अय्याश को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ पांच आरोपों का दोषी होने आरोप लगाया था। आरोपों में मानव हत्या, आतंकवादी कार्य को अंजाम देना और विस्फोटक उपकरणों का उपयोग करना शामिल था।
वहीं अपर्याप्त सबूतों के कारण उसके तीन कथित साथियों को बरी कर दिया गया।
रफिक अल-हरीरी साल 1992 से 1998 तक और साल 2000 से अक्टूबर 2004 तक (इस्तीफा देने तक) लेबनान के प्रधानमंत्री रहे।
बेरूत में 14 फरवरी, 2005 को एक आत्मघाती बम विस्फोट के दौरान 20 अन्य लोगों के साथ उनकी भी मौत हो गई।
हमले में करीब 226 लोग घायल हो गए थे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अय्याश को सजा सुनाए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से लेबनान के स्पेशल ट्रिब्यूनल का समर्थन जारी रखने का आह्वान किया। यह ट्रिब्यूनल बेरूत सरकार के अनुरोध पर स्थापित एक स्वतंत्र न्यायालय है।
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने एक बयान में कहा, महासचिव ने सलीम जमील अय्याश की सजा के फैसले के लेबनान के विशेष ट्रिब्यूनल द्वारा लिए गए निर्णय पर गौर किया।
महासचिव हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
बयान में कहा गया है कि सजा उस दिन किए गए भयानक अपराधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दशार्ती है।
–आईएएनएस
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